12-year-old boy dies of rabies after getting bitten by street dog | आवारा कुत्ते के काटने से गई 12 साल के बच्चे की जान


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मेरठ में आवारा कुत्ते के काटने से 12 साल के एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई।

मेरठ: कुत्तों द्वारा काटे जाने से मासूम बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। हाल ही में यूपी के गाजियाबाद जिले में 14 साल के शाहवेज की कुत्ते के काटने से हुई मौत ने लोगों को दहलाकर रख दिया था। अब ऐसा ही एक मामला यूपी के ही मेरठ जिले से सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेरठ के ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र में सूर्यापुरम कॉलोनी में 12 साल के दुष्यंत नाम के बच्चे की रेबीज इंफेक्शन की वजह से मौत हो गई। दुष्यंत को करीब 2 महीने पहले एक आवारा कुत्ते ने काटा था।

AIIMS समेत बड़े अस्पतालों ने खड़े किए हाथ

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद परिजन उसे एक प्राइवेट डॉक्टर के पास ले गए थे, जिसने उसे टिटनेस का इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया था। बाद में धीरे-धीरे रेबीज इन्फेक्शन पूरे शरीर में फैल गया और 1 नवंबर को दुष्यंत को दिक्कत होनी शुरू हो गई। परिजनों ने दुष्यंत को AIIMS दिल्ली, सफदरजंग दिल्ली और गुरु तेगबहादुर अस्पताल के साथ ही कई बड़े अस्पतालों में दिखाया, लेकिन डॉक्टरों ने दुष्यंत को लाइलाज घोषित कर दिया। आखिरकार 6 नवंबर को दुष्यंत ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हुए लोग

इस तरह की घटनाओं के लगातार सामने आने केबाद लोग अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हो गए हैं। बता दें कि रेबीज नामक विषाणु से यह खतरनाक इंफेक्शन होता है। यह मुख्य रूप से पशुओं की बीमारी है, लेकिन संक्रमित पशुओं द्वारा मनुष्यों में भी हो जाती है। यह विषाणु संक्रमित पशुओं के लार में रहता है और जब कोई पशु मनुष्य को काट लेता है यह विषाणु मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह भी बहुत मुमकिन है कि संक्रमित लार से किसी की आंख, मुंह या खुले घाव से संक्रमण हो सकता है।

संक्रमित जानवर की खरोंच से भी हो सकता है रेबीज

रेबीज के लक्षण मनुष्यों में नजर आने में कई महीनों से लेकर साल तक लग सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इसके लक्षण 1 से 3 महीनों में दिखाई देते हैं। रेबीज से संक्रमित जानवर के काटने से रेबीज का संक्रमण फैलता है। कई मामलों में मनुष्यों में यह बीमारी कुत्ते के काटने या खरोंचने से भी होती है। मेरठ के प्यारे लाल शर्मा (PLS) जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. यशवीर सिंह ने कहा कि रेबीज बीमारी के लक्षण संक्रमित पशुओं के काटने के बाद या कुछ दिनों में लक्षण प्रकट होने लगते हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में रोग के लक्षण प्रकट होने में कई दिनों से लेकर कई वर्षों तक लग जाते हैं।

संक्रमण होने के बाद रेबीज का इलाज नामुमकिन

डॉक्टर सिंह ने कहा कि रेबीज बीमारी का एक खास लक्षण यह है कि जहां पर पशु काटते हैं, उस जगह की मांसपेशियों में सनसनाहट पैदा हो जाती है। रेबीज बीमारी कुत्तों, बंदरों और बिल्लियों के काटने पर इंसानों में फैलती है। एक बार संक्रमण होने के बाद रेबीज का कोई इलाज नहीं है। हालांकि कुछ लोग जीवित रहने में कामयाब रहे हैं। अगर आपको लगता है कि आप रेबीज के संपर्क में आ गए हैं, तो आपको बीमारी को घातक बनने से रोकने के लिए जरूरी टीके लगवाने ही होंगे। ऐसे में इस तरह की कोई भी बात सामने आने के बाद किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें और तुरंत वैक्सीन लगवाएं।





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