uttarakhand uttarkashi silkyara tunnel 41 labours rescue operation । उत्तरकाशी टनल से बाहर निकलने वाले हैं मजदूर, 12 दिन बाद देखेंगे सूरज का उजाला


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बचाव ऑपरेशन में लगे NDRF के जवान

उत्तरकाशी: आज की सुबह का उजाला उन 41 मजदूरों और उनके परिजनों के लिए खुशखबरी लाने वाला है जो 12 दिनों से उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे हैं। अब किसी भी वक्त मज़दूरों को बाहर निकाला जा सकता है। रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल एक्सपर्ट ने बताया है कि केवल दो पाइप डाले जाने बाकी है। ये पाइप कल रात ही अंदर डाल दिए जाते लेकिन मलबे में सरिया आने से ड्रिलिंग मशीन का काम रोक दिया गया था जिसके बाद NDRF के जवान पाइप में दाखिल हुए और सरिए काटने का काम शुरू किया। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर सब ठीक रहा तो अब से थोड़ी देर बाद मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। बाहर भी सारी तैयारी की जा चुकी है।

टनल के अंदर इलेक्ट्रिसिटी की काम देख रहे गिरीश सिंह रावत के मुताबिक ड्रिलिंग के रास्ते में आ रहे सरिए काट दिए गए हैं और अब बाकी बचे हिस्से में पाइप को अंदर डाला जा रहा है। अब मजदूरों को बचाने का ऑपरेशन अपने अंतिम दौर में चल रहा है। बचावकर्मी काफी करीब तक पहुंच गए हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन की बड़ी बातें क्या हैं?

  1. मलबे में सरिया आने से ड्रिलिंग रुक गई थी
  2. NDRF ने पाइप के अंदर घुसकर सरिया काटे
  3. NDRF के जवानों ने पाइप में जाकर रिहर्सल की
  4. देर रात तक 50 मीटर ड्रिलिंग पूरी हो गई थी
  5. अमेरिकन ऑगर मशीन ड्रिलिंग कर रही है
  6. मलबे में 6-6 मीटर लंबे पाइप डाले जा रहे हैं
  7. मज़दूरों को टाइम से खाना दिया जा रहा है

ambulance

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सुरंग के पास ही ऐम्बुलेंस भी तैयार खड़ी हैं

रेस्क्यू पूरा होने के बाद बाहर क्या-क्या तैयारी की गई है?

  • टनल के पास 41 एंबुलेंस तैनात कर दी गई हैं
  • सिल्क्यारा हॉस्पिटल में 41 बेड तैयार
  • ज़रूरत पड़ने पर एयरलिफ्ट की तैयारी
  • AIIMS ऋषिकेश को अलर्ट मोड पर रखा गया
  • उत्तरकाशी और चिन्यालीसैंण अस्पताल भी तैयार

सुरंग के बाहर ही बैठे हैं मजदूरों के परिजन

टनल में फंसे मजदूरों के  बाहर निकलने पर उनका मेडिकल चेकअप किया जाएगा। ये शारिरिक जांच तीन स्तर पर होगी  पैरामैडिक, CMO और चिन्याली सौड के अस्पताल में मजदूरों की जांच होगी। टनल में फंसे मज़दूरों के परिजनों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। सबको उम्मीद है कि वो आज अपने परिजनों को देख पाएंगे। उत्तरकाशी की सर्दी भी इनकी भावनाओं को डिगा नहीं पा रही है ये परिजन सुरंग के बाहर ही बैठे हुए हैं। अब किसी भी वक्त मज़दूर बाहर निकल सकते हैं फिर भी डॉक्टरों की टीम लगातार उनसे बात कर रही है। कल ही टनल के अंदर मज़दूरों से बात करने के लिए एक ऑडियो नेटवर्क बना लिया गया था। इसी नेटवर्क के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से डॉक्टर्स ने बात की। सबसे पहले डॉक्टरों ने अंदर फंसे मज़दूरों की काउंसलिंग की। जिन मजदूरों को हेल्थ प्रॉब्लम हो रही हैं, उनके लिए दवाएं भी भेजी गईं।

क्या है पूरा मामला?

उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे मलबे के दूसरी ओर 41 मजदूर फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात करके सिलक्यारा में चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली। सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा करते हुए धामी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय के साथ संचालित बचाव कार्यों से अवगत कराया और उन्हें गत 24 घंटे में हुई सकारात्मक प्रगति एवं श्रमिकों और उनके परिजनों की बातचीत से बढ़े मनोबल की भी जानकारी दी।

मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया जिसने उनके परिवारों की उम्मीद के साथ ही बचावकर्मियों का मनोबल भी बढ़ा दिया।

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