India advocated for Global South in such a way United Nations admirer and praised/भारत ने की ग्लोबल साउथ की ऐसी पैरोकारी कि मुरीद हो गया संयुक्त राष्ट्र, चीन और पाकिस्तान को लगा झटका


संयुक्त राष्ट्र (फाइल)- India TV Hindi

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संयुक्त राष्ट्र (फाइल)

G-20 की अध्यक्षता के के दौरान ही भारत ने ग्लोबल साउथ के देशों की पैरोकारी को तेज कर दिया है। भारत का प्रयास ग्लोबल साउथ की आवाज और उसका लीडर बनने का था। अपने इस मकसद में भारत बेहद सफल भी रहा है। ग्लोबल साउथ के देश भी अब भारत से उम्मीद लगाए बैठे हैं। संयुक्त राष्ट्र भी भारत के इस पहल का मुरीद हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष नेताओं और राजदूतों ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने और दक्षिण-दक्षिण सहयोग का पैरोकार होने के लिए भारत के ‘अनुकरणीय नेतृत्व’ की सराहना की है। उन्होंने देश की जी20 अध्यक्षता और भारत तथा संयुक्त राष्ट्र के बीच ‘स्थायी’ साझेदारी पर भी प्रकाश डाला। भारत की इस सफलता से पाकिस्तान और चीन जल उठे हैं। 

 

भारत ने पिछले साल दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता एक वर्ष के लिए संभाली थी और अब वह इसे ब्राजील को सौंपने वाला है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने बुधवार को यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष की सहयोगात्मक साझेदारी के छह साल पूरे होने के मौके पर यह आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने इस अवसर पर कहा, ‘‘भारत लंबे समय से दक्षिण-दक्षिण सहयोग का और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के वैश्विक अनुसरण का पैरोकार रहा है जहां वह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के अपने दर्शन को सामने रख रहा है।

 

यूएन ने भारत को सराहा

अमीना मोहम्मद ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष उस असाधारण उपलब्धि का प्रमाण है जिसे देश एक टिकाऊ, समान और न्यायोचित विश्व बनाने के लिए एकजुट होकर, सीमाओं और मतभेदों से उबरकर हासिल कर सकते हैं। मोहम्मद ने कहा कि साझेदारी कोष की छठी बरसी हमें टिकाऊ विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सामने आने वाले अनेक अवरोधों पर और इन चुनौतियों से उबरने में दक्षिण-दक्षिण सहयोग में निभाई जा सकने वाली अहम भूमिका पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। कोष की स्थापना 2017 में की गई थी और तब से इसने 54 देशों में 76 परियोजनाओं का समर्थन किया है।

 

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि महामारी के प्रभावों से जटिल हुए वित्तीय क्षेत्र में आए संकुचन के मौजूदा दौर में यह ‘छोटा कदम नहीं’ है। उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा रहता है और यह संयुक्त राष्ट्र समेत वैश्विक मिशन में भी बेमिसाल भूमिका निभा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत ने जो कहा है, वो किया है और किसी को पीछे नहीं छोड़ने के उसके मूल्यों के लिए उसकी प्रतिबद्धता केवल बयानबाजी नहीं लगती, बल्कि उनमें वास्तविकता झलकती है। (भाषा)

 

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