Dunki या Donkey Route क्या है? जिसपर शाहरुख खान की बनी है फिल्म, इसपर जाने से पहले जान लीजिए सबकुछ


What is Dunki or Donkey Route On which Shahrukh Khan film is made know everything before going to it- India TV Hindi

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Dunki या Donkey Route क्या है?

शाहरुख खान की एक फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म का नाम है डंकी (Dunki)। इस फिल्म में जिस चीज की कहानी है वह है डंकी रूट (Donkey Route) की। डंकी रूट एक ऐसा रास्ता है जिसपर जाते वक्त हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है। दरअसल यह लाखों लोगों के उस सपने से जुड़ा हुआ है, जिसमें वो मानते हैं कि अगर अमेरिका, यूरोप या कनाडा चले गए तो जीवन सफल हो जाएगा। जी हां, जब आमतौर पर लोगों का वीजा रिजेक्ट कर दिया जाता है तब एजेंट्स लोगों को डंकी रूट का विकल्प देते हैं, जिसपर जाने से हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है। साथ ही अमेरिका और कनाडा में घुस पाने की संभावना भी बेहद कम होती है।

क्या है डंकी रूट?

पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के लोगों में अमेरिका या कनाडा जाने का बहुत क्रेज है। इस कारण इन राज्यों में IELTS कोचिंग के नाम पर बड़ा व्यापार चल रहा है। कई बार लोग शिक्षा तो कई बार बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका और कनाडा जाना चाहते हैं। ऐसे में पंजाब और हरियाणा में बेतहाशा मौजूद वीजा एजेंट इसका फायदा उठाते हैं। ये एजेंट पहले तो लोगों से पैसा लेते हैं, फिर वीजा के लिए आवेदन करते हैं। लेकिन वीजा आमतौर पर रिजेक्ट हो जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान लोगों का विदेश जाने का सपना और प्रबल हो जाता है। इसके बाद लोगों को कोई रास्ता जब नहीं सूझता तो वीजा एजेंट लोगों को डंकी रूट का विकल्प देते हैं।

क्या डंकी रूट का मतलब?

Dunki शब्द Donkey (गधे) का एक क्षेत्रीय उच्चारण है। Dunki एक पंजाबी मुहावरे से बना है, जिसका अर्थ है एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना। आसान शब्दों में कहें तो जब लोगों को अलग-अलग देशों में रुकते-रुकाते हुए अवैध तरीके से किसी दूसरे देश में भेजा जाता है तो उसे डंकी रूट कहते हैं। पंजाबी में डंकी शब्द का अर्थ है कूद कर, फांद कर, फुदक कर अवैध तरीके से किसी स्थान पर जाना। अमेरिका, कनाडा और कुछ यूरोप के देशों में पहुंचने का यह एक खतरनाक रास्ता है जिसे अवैध इमिग्रेशन भी कहा जाता है। इन रास्तों के जरिए लोगों को अवैध रास्तों से होते हुए कनाडा, अमेरिका या यूरोप भेजा जाता है। 

डंकी रूट कैसे करता है काम

दरअसल डंकी रूट का कुल खर्चा 20 लाख से लेकर करोड़ों रुपये तक का है। अमेरिका-कनाडा जाने की चाह में हर साल लोग इस जाल में फंस जाते हैं। इस रूट के तहत पंजाब, हरियाणा, गुजरात समेत कई इलाकों से लोग पहले तो दिल्ली पहुंचते हैं। इसके बाद इन्हें दिल्ली से विमान में बिठाकर किसी लैटिन अमेरिकन यानी दक्षिण अमेरिकी देश में भेजा जाता है जो कि कोलंबिया के करीब हो। इन देशों में इक्वाडोर, बोलीविया, गुयाना, ब्राजील और वेनेजुएला जैसे देश शामिल है। इसके बाद इन्हें यहां एक एजेंट अपने साथ लेकर बॉर्डर क्रॉस कराता है। जो अगले देश के बॉर्डर पर यात्रियों का साथ छोड़ देता है। इसके बाद अन्य देश में मिलने वाला एजेंट उन्हें कोलंबिया होते हुए पनामा देश में एंट्री कराता है। इसके बाद शुरू होता है खतरनाक मौत का सफर।

पनामा में प्रवेश के साथ ही रास्ते में डेरियन गैप को पार करना होता है। दरअसल कोलंबिया और पनामा के बीच एक विशालकाय जंगल है। इस जंगल को पनामा का जंगल या डेरियन गैप कहते हैं। इस जंगल में कई नदियां, जहरीले और खतरनाक जीव जंतु, लुटेरे, डकैत इत्यादि सब हैं। इस जंगल में जो नहीं है वह है रास्ते, लाइट, आधारभूत सुविधाएं। कई सौ किलोमीटर में फैले इस जंगल के रास्ते को कई दिनों तक पैदल चलकर पार करना होता है। इस दौरान खाना-पानी के बगैर, जानवरों के हमले, लुटेरों के हमले के कारण कई लोगों को मौत हो जाती है। कई बार जहरीले जानवर लोगों को मार डालते हैं तो कई बार लुटेरे लोगों के कपड़े तक लूटकर ले जाते हैं। इस कारण हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है।

कैसे पहुंचते हैं अमेरिका या कनाडा

डेरियन गैप को पार करने में ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है। इसके बाद बचे-खुचे लोग अगर वहां से निकल भी गए तो उन्हें मेक्सिको तक नाव में ढूसकर मजदूरों और जानवरों की तरह लाया जाता है। मेक्सिको में आने के बाद या तो उन्हें 30 फीट ऊंची दिवार कूदनी पड़ती है, जिसमें गिरकर उनकी मौत हो जाती है। या फिर अगर उन्होंने किसी तरह मेक्सिको और अमेरिकी बॉर्डर को पार कर लिया तो उन्हें मेक्सिकों या अमेरिकी पुलिस गिरफ्तार कर लेती है, जिसके बाद उन्हें डिटेंशन सेंटर में जानवरों की तरह रहने के लिए छोड़ दिया जाता है जिसकी हालत जेल से भी बदतर होती है। इसके बाद उन लोगों की पेशी मिजिस्ट्रेट के सामने होती है, जहां उन्हें मिजिस्ट्रेट को यह भरोसा दिलाना होता है कि भारत सरकार ने उनके साथ गलत किया है। ऐसे में अधिकांश समय यह होता है कि मिजिस्ट्रेट इन दावों को झूठा पाते हैं और उन्हें वापस भारत डिपोर्ट कर दिया जाता है। 

क्या है नुकसान?

अगर मजिस्ट्रेट इस बात पर सहमति देता है कि आज भारतीय यात्रियों को अमेरिका में शरण दी जाए, तो इसके बाद 20 से अधिक साल तक वो यात्री भारत नहीं आ सकता, चाहे कुछ हो जाए। शरणार्थी बनने के नियम के तहत उन नियमों का पालन करना अनिवार्य है, अन्यथा शरणार्थी की मांग को खारिज कर दिया जाता है। डंकी रूट का सबसे बड़ा नुकसान है लोगों के पैसे और जान का। अवैध तरीके से अमेरिका कनाडा जाने के लिए कम से कम 20 लाख और अधिकांश करोड़ों रुपये तक लोग खर्च करते हैं। बावजदू उन्हें कई दिनों तक पैदल चलना पड़ता है और कई लोग इस रूट में जान गंवा देते हैं। इतना ही नहीं अधिकांश लोग फिर मेक्सिको या फिर अमेरिकी पुलिस द्वारा पकड़ लिए जाते हैं, जिसके बाद उन्हें वापस भारत भेज दिया जाता है। 





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