परीक्षा में बैठने को लेकर शुरू हुआ विवाद, पुलिस से झड़प में दो युवकों की मौत, नेपाल में मचा बवाल


nepal protest Protesting candidates in Nepal clash with police two youths died - India TV Hindi

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प्रतीकात्मक तस्वीर

काठमांडू के ललितपुर शहर में एक परीक्षा में बैठने से रोके गए अभ्यर्थियों के एक समूह की शुक्रवार को पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसमें नेपाल के दो युवकों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के विनिर्माण क्षेत्र में नौकरी के लिए एक परीक्षा में बैठने से रोके जाने को लेकर कुछ अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसमें पुलिस के हस्तक्षेप के बाद यह घटना हुई। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी हाल ही में नेपाल की रोजगार परमिट प्रणाली (ईपीएस) परीक्षा के तहत दक्षिण कोरिया में जहाज निर्माण क्षेत्र में नौकरी के लिए आयोजित एक परीक्षा में असफल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें ईपीएस परीक्षा की अन्य श्रेणियों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई। 

परीक्षा में बैठने को लेकर हुआ बवाल

नेपाल पुलिस के प्रवक्ता कुबेर कदायत ने बताया कि दक्षिण कोरिया के विनिर्माण क्षेत्र में नौकरी के लिए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग को लेकर सैकड़ों असंतुष्ट युवाओं ने ललितपुर के ग्वारको इलाके में प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि आंदोलनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, हालात उस वक्त और बिगड़ गए जब प्रदर्शनकारियों ने भौतिक अवसंरचना एवं परिवहन मंत्री प्रकाश ज्वाला के सरकारी वाहन में आग लगा दी। प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, हवा में गोलियां और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। 

सुरक्षाकर्मियों पर पथराव

प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया, जिसमें आधा दर्जन पुलिसकर्मी और एक प्रदर्शनकारी मामूली रूप से घायल हुआ। उन्होंने बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों युवकों की मौत गोली लगने से हुई या नहीं। इस बीच, पाटन उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश जारी कर सरकार को सभी आवेदकों को ईपीएस परीक्षा की सभी श्रेणियों में बैठने की अनुमति देने का निर्देश दिया। अदालत ने संबंधित सरकारी निकायों को निर्देश दिया कि वे ईपीएस परीक्षा में भाग लेने के इच्छुक किसी भी अभ्यर्थी को आवेदन पत्र भरने से न रोकें। अदालत के इस फैसले से उन सभी 28 हजार युवाओं को ईपीएस परीक्षा में भाग लेने की अनुमति मिल जाएगी, जो जहाज निर्माण परीक्षा में असफल हो गए थे।

(इनपुट-भाषा)

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