तुर्की, स्वीडन और इटली ने अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाते हुए तीन यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन भेजा है। तीनों देशों के अंतरिक्ष यात्री बृहस्पतिवार को एक चार्टर्ड स्पेसएक्स उड़ान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए। फाल्कन रॉकेट ने तीनों व्यक्तियों को लेकर दोपहर के वक्त नासा के केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। इन तीनों के पास सेना में पायलट का अनुभव है और वे अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्हें एक कैप्सूल में भरकर सुरक्षित किया गया है। उनके कैप्सूल के शनिवार को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार तीनों अंतरिक्ष यात्री दो सप्ताह का वहां वक्त बिताएंगे और इस दौरान कई प्रयोग करेंगे। साथ ही स्कूली बच्चों से बातचीत करेंगे और वापस लौटने से पहले पृथ्वी के दृश्य देखेंगे। इस अभियान पर प्रत्येक देश का 5.5 करोड़ डॉलर या उससे अधिक का खर्च आया है। यह ह्यूस्टन की कंपनी एक्सियोम स्पेस की नासा और स्पेसएक्स के साथ ऐसी तीसरी यात्रा है। रूस दो दशक से अधिक समय से शुल्क लेकर लोगों को अंतरिक्ष स्टेशन पर ले जाता रहा है। नासा ने दो साल पहले इसकी शुरुआत की है। पूर्व लड़ाकू पायलट और तुर्की एयरलाइन के कैप्टन अल्पर गेजेराव्सी अंतरिक्ष में जाने वाले अपने देश के पहले व्यक्ति हैं।
अंतरिक्ष में ये पहचान छोड़कर आएंगे यात्री
अंतरिक्ष की सैर पर रवाना हुए कैप्सूल में तुर्की एयरलाइन के कैप्टन अल्पर गेजेराव्सी के अलावा स्वीडन के पूर्व लड़ाकू पायलट मार्कस वान्डेट और इतालवी वायु सेना के कर्नल वाल्टर विलादेइ शामिल हैं। वे अपने साथ जिन प्रतीकात्मक वस्तुओं को ले जा रहे हैं उनमें स्वीडन का एक नोबेल पुरस्कार, इटली का फुसिली पास्ता और तुर्किये की खानाबदोश संस्कृति के प्रतीक शामिल हैं। उनके साथ माइकल लोपेज अलेग्रिया हैं जो एक्सियोम स्पेस में शामिल होने से पहले चार बार नासा के अंतरिक्ष यात्री रह चुके हैं और यह उनकी पहली चार्टर्ड उड़ान है। (एपी)