‘जो राम के निमंत्रण को ठुकराएंगे, जनता उन्हें ठुकरा देगी’,आप की अदालत में बोलीं साध्वी ऋतंभरा


Sadhvi Ritambhara- India TV Hindi

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‘आप की अदालत’ में साध्वी ऋतंभरा ने की शिरकत

नई दिल्ली: साध्वी ऋतंभरा रामजन्मभूमि आंदोलन की फायरब्रांड नेता रही हैं। आज उन्होंने इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत’ में शिरकत की। इस दौरान ऋतंभरा ने रजत शर्मा के कई सारे मुद्दों पर पूछे गए सवालों का खुलकर जवाब दिया। जब साध्वी ऋतंभरा से इस बात पर सवाल हुआ कि 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण कांग्रेस समेत कई विपक्षी नेताओं ने ठुकरा दिया। इसपर उन्होंने कहा कि जो मेरे राम जी के निमंत्रण को ठुकराएंग, भारत की जनता उन्हें ठुकरा देगी और ठुकरा दिया।

दरअसल, ‘आप की अदालत’ में जब रजत शर्मा ने साध्वी ऋतंभरा से कहा कि सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेता अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा रहे हैं, उनको भी आप कुछ कहेंगी? इसपर साध्वी ऋतंभरा ने कहा, “जो मेरे राम जी के निमंत्रण को ठुकराएंगे भारत की जनता उन्हें ठुकरा देगी और ठुकरा दिया।” 

“फिर हम 30 हजार मंदिरों की वापसी की बात नहीं करेंगे”

वहीं ‘आप की अदालत’ में रजत शर्मा ने साध्वी ऋतंभरा से कहा कि AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम युवाओं से वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की रक्षा के लिए आगे आने की अपील की है। इस सवाल का जवाब देते हुए साध्वी ऋतंभरा ने मुस्लिम समुदाय से काशी का ज्ञानवापी और मथुरा कृष्ण जन्मस्थान मंदिरों को सौहार्दपूर्वक देने की अपील की है और बदले में, उन्होंने ये भी कहा, “फिर हम 30 हजार अन्य मंदिरों की वापसी की बात नहीं करेंगे।” 

साध्वी ऋतंभरा ने इस बात कर कहा, “वह (ज्ञानवापी) तो हम पहले से ही मांग रहे हैं, और फिर वहां तो व्यक्ति गवाही नहीं देगा। पत्थर गवाहियां दे रहे हैं। वह अपनी कहानी स्वयं कह रहे हैं। इस सत्य को अगर स्वीकार कर लें और वह सौहार्द से हिंदू समाज को वापस दे दें तो फिर हम 30 हजार (मंदिरों) की बात नहीं करेंगे। पर ऐसा तो नहीं हो रहा ना? 

“हिंदू समाज का धैर्य देखो…”

इस मुद्दे पर साध्वी ऋतंभरा से आगे कहा कि उस सत्य को झुठलाने की कोशिशें हो रही हैं और हिंदू समाज का धैर्य देखो। आप सोचो जरा, हमारी कृष्ण जन्मभूमि और हमारे बाबा विश्वनाथ, ये तीनों स्थान मांगे थे। हमने ज्यादा की बात ही नहीं की। लेकिन उसके लिए भी संघर्ष करना पड़ा और कोर्ट की पूरी प्रक्रियाओं से गुजरकर निष्पक्ष निर्णय जब आया तब हमें वहां (अयोध्या) मंदिर बनाने का आदेश मिला। तब हमने इस पहल को किया है।

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