नई दिल्ली: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शुक्रवार शाम को दिल्ली की मशहूर दरगाह निजामुद्दीन औलिया पहुंचे। यह वह करीब आधे घंटे तक रुके और वहां पर चल रहे कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को शॉल देकर सम्मानित भी किया गया। साथ ही उन्हें दरगाह के 700 सालों के इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी गई। बता दें कि अपने आधे घंटे के कार्यक्रम के दौरान इमैनुअल मैक्रों को कव्वाली भी सुनाई गई, जिसे सुनकर वह काफी खुश हुए और झूमते हुए भी नजर आए।
आधे घंटे तक दरगाह में रुके मैक्रों
अधिकारियों ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि मैक्रों देश में सूफी संस्कृति के 700 वर्ष पुराने केंद्र में रात पौने दस पहुंचे। यहां पर वह आधे घंटे से अधिक समय तक रहे। वहीं दरगाह में हो रही कव्वाली के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी झूमते हुए नजर आए। उनके साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे। साथ ही अन्य कई अधिकारी भी दरगाह में मौजूद रहे। बता दें कि यह दरगाह प्रसिद्ध सूफी संत निजामुद्दीन औलिया और उनके शिष्य अमीर खुसरो की कब्र है।
एस जयशंकर के साथ कव्वाली पर झूमे
दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि रहे। यहां दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हुए 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में भी वह शामिल हुए। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इससे पहले राष्ट्रपति भवन में अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुअल मैक्रों का स्वागत किया। राष्ट्रपति मैक्रों के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में भोज का आयोजन किया गया था। यहां भोज में शामिल होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ वह हजरत निजामुद्दीन की दरगाह पर गए और वहां पर कव्वाली का आनंद लिया।
राष्ट्रपति को शॉल देकर किया गया सम्मानित।
इमैनुअल मैक्रों का भारत दौरा
बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के भारत दौरे का आज आखिरी दिन था। इससे पहले अपने भारत दौरे पर वह सबसे पहले जयपुर गए, जहां पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी के साथ उन्होंने जयपुर में रोड शो भी किया। इसके अगले दिन इमैनुल मैक्रों दिल्ली आए, जहां गणतंत्र दिवस समारोह में इन्हें शामिल होना था। मैक्रों गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि थे। यहां भी कर्तव्य पथ पर विभिन्न झाकियों का लुत्फ लिया। आखिरी में निजामुद्दीन की दरगाह में जाने के बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि “यह बेहद खुशी की बात है कि साल 2018 में अपनी राजकीय यात्रा के 5 साल बाद फिर से भारत में हूं। इस तरह के प्रोग्राम का हिस्सा बनकर काफी खुश हूं।”
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