नई दिल्ली: आप की अदालत में प्रशांत किशोर से पूछा गया कि क्या आप चाहते थे कि प्रियंका गांधी को यूपी में सीएम पद के लिए प्रोजेक्ट किया जाए। इस सवाल के जवाब में प्रशांत ने कहा कि हम सिर्फ चाहते नहीं थे। ये पूरा प्लान उनको (सोनिया) बताया गया था। पूरी पार्टी की सहमति भी हुई थी। उसके बाद ही मैंने यूपी का कैंपेन स्वीकार किया था। 3 महीने की स्टडी के बाद मैंने जो प्लान बनाया, उसमें पूरी तारीख, समय, सब कुछ निश्चित था कि उन्हें किस दिन आना है। जब वो समय आया तो वह वॉकआउट कर गए। ये मेरे लिए हैरान करने वाला था। मेरे 10 साल के अनुभव में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।
राहुल को क्यों मिलती है प्राथमिकता?
रजत शर्मा ने प्रशांत किशोर से पूछा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी को क्यों प्राथमिकता देती हैं? क्यों प्रियंका गांधी को आगे नहीं आने देतीं? इस पर प्रशांत ने कहा कि ये उत्तर तो वही दे सकती हैं। राहुल गांधी पहले से राजनीति में हैं और सीनियर भी हैं। उनके परिवार का ये फैसला है कि राहुल गांधी को नेतृ्त्व करना चाहिए।
रजत शर्मा ने कहा कि जो सिक्का चल नहीं रहा, उसे बाजार में बार-बार डालने का क्या मतलब है? इस पर प्रशांत ने कहा कि सिक्का नहीं चल रहा है, ये तो क्लीयर है। इसमें कोई डिस्कवरी की बात नहीं है। लेकिन बार-बार सिक्का चलाने के पीछे ये वजह हो सकती है कि शायद अंधेरे में कहीं सिक्का चल जाए।
प्रशांत ने ये भी कहा कि बंगाल चुनाव के बाद 10 सालों का कांग्रेस के रिवाइवल का प्लान बनाया था, ये किसी चुनाव को लेकर नहीं था। 11-12 घंटे तक सोनिया गांधी ने व्यक्तिगत तौर पर इसे देखा था। इसके बाद उन्होंने पार्टी के अन्य सहयोगियों को जोड़ा। सोनिया गांधी ने जो प्रिजेंटेशन देखा, वो तो किसी ने नहीं देखा था।
पीएम मोदी पर क्या कहा?
आप की अदालत में प्रशांत किशोर ने बताया कि पीएम मोदी की सबसे बड़ी ताकत क्या है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की ताकत ये नहीं है कि वो सबसे बड़े वक्ता हैं, या उनके पीछे हिन्दुत्ववादी शक्तियों का समर्थन है। उनकी सबसे बड़ी ताकत है, उनका 45 साल का अनुभव। जिसमें पहले 15 साल वो संघ के प्रचारक के रूप में समाज से जुड़े रहे, अगले 15 साल बीजेपी ऑर्गेनाइजर के रूप में काम किया, और अब 15 साल सीएम और पीएम रहे।