रेल बजट में 30 गुना इजाफे से लेकर हर दिन 14 किमी ट्रैक बिछाने तक, सरकार ने गिनाईं रेलवे की ये उपलब्धियां


भारतीय रेल- India TV Paisa
Photo:FILE भारतीय रेल

मोदी सरकार ने 10 साल में रेलवे में किए गए बड़े काम और उपलब्धियों का ब्योरा जारी किया है। इसमें बताया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। भारतीय रेलवे से प्रतिदिन दो करोड़ यात्री और सालाना 800 करोड़ यात्री सफर करते हैं। रेलवे द्वारा 1,200 यात्री एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जाता है। मोदी सरकार ने बताया है कि वित्त वर्ष 2022-23 में 151 करोड़ टन (1,512 मिलियन टन) कार्गो रेलवे ने लोड किया है। सरकार ने दिए गए आंकड़ों में बताया है कि 2022-23 में रेल नेटवर्क को स्विट्जरलैंड रेलवे के बराबर 5,243 किलोमीटर जोड़ा गया है और 9 वर्षों (2014-23) में जर्मन रेलवे के बराबर 25,434 किमी जोड़ा गया है।

रेलवे बजट में हुई 30 गुना बढ़ोतरी

साल 2004-05 के लिए रेलवे बजट 8,000 करोड़ और 2013-14 के लिए 29,055 करोड़ रखा गया था। इसके बाद इसे बढ़ाकर वर्ष 2023-24 के लिए 2.4 लाख करोड़ कर दिया गया है। रेलवे बजट में 2004-05 की तुलना में 30 गुना वृद्धि हुई है। मोदी सरकार के मुताबिक, नई रेलवे लाइन पर भी इस सरकार में काम खूब काम हुआ है। साल 2004 से 2014 के दौरान 14,985 रूट किलोमीटर रेल ट्रैक का काम किया गया। वहीं, पिछले 9 वर्षों (2014-23) में 25,871 रूट किलोमीटर ट्रैक बिछाने का काम किया गया है। यह नई रेलवे लाइनों में 75 फीसदी की वृद्धि है।

हर दिन बिछाया गया 14 किमी ट्रैक

वर्ष 2022-23 में प्रतिदिन 14 किमी ट्रैक बिछाया गया और इस वर्ष 16 किमी प्रतिदिन ट्रैक बिछाने का लक्ष्य है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 के बाद से रेलवे विद्युतीकरण परियोजनाओं पर खर्च की गई राशि 5 गुना (375 प्रतिशत से अधिक) बढ़ गई है। साथ ही अमृत भारत योजना के तहत अब तक विकास के लिए 1,309 स्टेशनों की पहचान की गई है।

शुरू हो चुकी हैं 35 वंदे भारत

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 508 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। सरकार के मुताबिक, अब तक 35 वंदे भारत ट्रेन शुरू की जा चुकी है। पिछले पांच वर्षों में सितंबर 2023 तक भारतीय रेलवे द्वारा 2.94 लाख से अधिक रिक्तियां भरी गई। रेल मंत्रालय ने रुपये की लागत से दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) का निर्माण शुरू किया है। 2,513 किलोमीटर की कमीशनिंग के लिए 1.09 लाख करोड़, कवच को 1,465 रूट किमी और 139 लोकोमोटिव पर तैनात किया गया है।

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