नई दिल्ली: तमिलनाडु की सियासत में पिछले 2-3 सालों से जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है, वह है अन्नामलाई कुप्पुस्वामी का। 39 साल के इस युवा नेता और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को हम के. अन्नामलाई के नाम से बेहतर जानते हैं। पिछले कुछ महीनों में अन्नामलाई ने तमिलनाडु की सियासत में जो चर्चा बटोरी है, वह शायद ही किसी और सियासी लीडर ने बटोरी होगी। एक ऐसे सूबे में जहां 2019 के लोकसभा चुनावों में BJP को महज 3.66 फीसदी वोट मिले थे, आज वहां पार्टी दूसरे नंबर की दावेदारी पर दावा ठोक रही है। बीजेपी ने तमिलनाडु में हाल-फिलहाल जो हलचल मचाई है उसके पीछे यह पूर्व IPS अफसर ही है। आइए, जानते हैं कि कैसे अन्नामलाई आगामी लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु में बीजेपी के सबसे बड़े ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं।
किसान परिवार में पैदा हुए थे अन्नामलाई
अन्नामलाई कुप्पुस्वामी का जन्म 4 जून 1984 को एक किसान परिवार में हुआ था। करुर जिले में पैदा हुए अन्नामलाई ने अपने गृह जनपद के अलावा तमिलनाडु के नामक्कल और कोयम्बटूर जिलों में शिक्षा-दीक्षा पाई थी। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद लखनऊ आईआईएम से एमबीए किया। बाद में उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा दी और IPS चुने गए। तमिल, अंग्रेजी, कन्नड़ और हिंदी का अच्छा-खासा ज्ञान रखने वाले अन्नामलाई की गिनती तेज-तर्रार पुलिस अफसरों में होती थी। यहां तक कि जिन इलाकों में बतौर पुलिस अफसर उनकी तैनाती होती थी, वहां के लोग भी उन्हें काफी पसंद करते थे।
2020 में अन्नामलाई ने सियासत में ली एंट्री
मई 2019 में पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के बाद अन्नामलाई ने अगस्त 2020 में बीजेपी ज्वाइन की और उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 9 जुलाई 2021 को बीजेपी ने उन्हें पूरे सूबे की कमान दे दी और उसके बाद अन्नामलाई ने तमिलनाडु में पार्टी की जड़ें जमाने के लिए जमीन और आसमान एक कर दिया। अन्नामलाई ने तमिलनाडु में बीजेपी को घर-घर तक पहुंचाने के लिए पिछले साल जुलाई में ‘एन मन, एन मक्कल’ (मेरी भूमि, मेरे लोग) यात्रा शुरू की। इस यात्रा को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरी झंडी दिखाई थी। अन्नामलाई के नेतृत्व में यह यात्रा जहां-जहां से गुजरी, लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
तमिलनाडु की रैली में बीजेपी का एक प्रशंसक।
PM मोदी की रैली में हुआ यात्रा का समापन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तमिलनाडु में अन्नामलाई की ‘एन मन, एन मक्कल’ यात्रा का समापन हुआ। इसी एक घटना से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अन्नामलाई ने पार्टी के भीतर अपनी पहचान किस हद तक मजबूत कर ली है। कार्यक्रम के दौरान अन्नामलाई जब लोगों को संबोधित करने के लिए गए तो भीड़ ने काफी जोरदार आवाज में उनका स्वागत किया। तमिलनाडु के अपने प्रदेश अध्यक्ष के लिए लोगों का यह प्रेम देखकर PM मोदी काफी खुश नजर आ रहे थे और उन्होंने मंच पर अपने बगल में बैठे अन्नामलाई की पीठ कई बार थपथपाई। इसी से अंदाजा लग जाता है कि अन्नामलाई की यात्रा का समापन कार्यक्रम कितना सफल रहा।
पीएम मोदी ने की थी अन्नामलाई की सराहना
अन्नामलाई की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य भाजपा प्रमुख की ‘एन मन, एन मक्कल’ यात्रा बड़ी सफल रही है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का संदेश घर-घर तक पहुंचाने में मदद मिली है। इरोड में बैठक स्थल पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता थे और वे ‘भारत माता की जय’ और ‘वेंदुम मोदी मीनदुम मोदी’ (हम एक बार फिर मोदी चाहते हैं) के नारे लगा रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर इरोड के लोगों ने हल्दी बोर्ड की स्थापना के लिए धन्यवाद देने के लिए प्रधानमंत्री को 67 किलोग्राम की हल्दी की माला उपहार में दी। इरोड को हल्दी केंद्र के रूप में जाना जाता है।
तमिलनाडु में रोड शो के दौरान पीएम मोदी के बगल में अन्नामलाई।
तमिलनाडु में BJP का चेहरा बने अन्नामलाई
इस बात में कोई शक नहीं है कि आज अन्नामलाई तमिलाडु में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा बन चुके हैं। जनता के बीच उनकी पैठ ने निश्चित तौर पर सत्तारुढ़ DMK और हाल तक बीजेपी के साथ रहे AIADMK के नेताओं के माथे पर थोड़ा-बहुत बल ला दिया होगा। सियासी पंडितों का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनावों में अन्नामलाई का करिश्मा काम कर सकता है और बीजेपी यहां से दोहरे अंकों में सीटें जीतने का ख्वाब देख सकती है। अगर ऐसा हुआ तो आने वाले कुछ सालों में बीजेपी तमिलनाडु में सत्ता के दरवाजे पर भी दस्तक देने लगेगी। अन्नामलाई ने जो मेहनत की है, उसका नतीजा किस हद तक निकलता है, यह आने वाले कुछ महीनों में पता चल जाएगा।
लोगों के बीच क्यों लोकप्रिय हुए अन्नामलाई?
अन्नामलाई अपनी सर्विस के दिनों से ही लोगों के बीच लोकप्रिय रहे हैं, और सियासत में आने के बाद तो उनकी लोकप्रियता में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोत्तरी हुई है। दरअसल, वह एक जमीन से जुड़े शख्स रहे हैं और आम आदमी की भावनाओं को काफी अच्छी तरह समझते हैं। यही वजह है कि वह आम जनता से काफी जल्दी जुड़ जाते हैं और सामने वाले को भी उनमें अपने जैसा ही एक शख्स नजर आता है। ‘एन मन, एन मक्कल’ यात्रा के दौरान अन्नामलाई का यह पक्ष मजबूती से नजर आया। दूसरी तरफ DMK या AIADMK के मौजूदा नेता जनता के बीच लोकप्रिय तो हैं, लेकिन अन्नामलाई के आने के बाद निश्चित तौर पर मुकाबला कड़ा हो गया है।