रूस और अमेरिका में इसी वर्ष राष्ट्रपति चुनाव होना है। पुतिन लगातार तीसरी बार रूस के राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी कर रहे हैं। हालांकि रूस के कानून के मुताबिक बाध्यता होने से इस बार वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। पुतिन के विरोध में कोई भी मजबूत विपक्षी नेता नहीं है। ऐसे में उनकी जीत भी तय मानी जा रही है। मगर मास्को ने इस बीच आरोप लगाया है कि अमेरिका रूस के इलेक्ट्रानिक सिस्टम पर हमला करना चाहता है। ताकि पुतिन को मिलने वाला मतदान कम हो जाए। ऐसा करके अमेरिका पुतिन को चुनाव में हराना चाहता है।
रूस का कहना है कि अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में उसके इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर हमला करने की योजना बना रहा है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी गैर सरकारी संगठनों को रूसी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान कम करने का प्रयास करने का निर्देश दिया है । उन्होंने कहा कि अमेरिका रूसी मतदान प्रणाली पर साइबर हमले शुरू करने का प्रयास कर रहा है। रूस का दावा है कि हाल ही में ज्ञात हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन 15-17 मार्च को (रूसी) राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान में कमी लाने के लिए सीधे अमेरिकी गैर-सरकारी संगठनों को काम सौंपा है।
रूस ने कहा कि अमेरिका को देंगे उसी की भाषा में जवाब
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि मैं बिडेन के प्रशासन को याद दिलाना चाहूंगी कि 15-17 मार्च को हम रूसी संघ के राष्ट्रपति का चुनाव कर रहे हैं, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका नवंबर में अपने यहां राष्ट्रपति का चुनाव करा रहा है। अगर उसने रूसी राष्ट्रपति चुनाव में ऐसा कुछ किया तो तो हम वहां संयुक्त राज्य अमेरिका में उसी वक्त कुछ वैसा ही जवाब देंगे। क्योंकि ये दोनों भिन्न-भिन्न समय पर अलग-अलग चुनाव हैं।”
रूसी नागरिकों को बरगला रहा अमेरिका
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि “वॉशिंगटन इंटरनेट के माध्यम से रूसी नागरिकों से चुनाव को नजरअंदाज करने का आग्रह करता है। (रूसी) रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम पर साइबर हमलों में प्रमुख अमेरिकी आईटी-विशेषज्ञों को शामिल करने की योजना है, इससे रूसियों द्वारा डाले गए वोटों के एक बड़े हिस्से की गिनती करना असंभव हो जाएगा।उन्हें यही काम सौंपा गया है। ज़खारोवा ने यह भी कहा कि वाशिंगटन ने अमेरिकी गैर-सरकारी संगठनों को मतदान प्रतिशत कम करके चुनाव को कमजोर करने का काम सौंपा है। (रॉयटर्स)