नई सरकार के गठन से पहले बदल जाएगी संसद, जानिए क्या-क्या हो रहे बदलाव


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नई सरकार के गठन से पहले बदल जाएगी संसद

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। इस बार चुनाव सात चरण में कराए जायेंगे। 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा और 1 जून को सातवें चरण का मतदान संपन्न कराये जाएंगे। इसके साथ ही 4 जून को मतगणना होगी। माना जा रहा है कि मध्य जून तक नई सरकार का गठन हो जाएगा। वहीं जुलाई महीने में लोकसभा का सत्र बुलाया जा सकता है। जिसमें नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। गौरतलब है कि नई संसद भवन का निर्माण हो चुका है और इस भवन में दो सत्र भी संचालित भी हो चुके हैं।

पूरे परिसर को एकीकृत करने का काम चल रहा

वहीं 18वीं लोकसभा की शुरुआत भी नए भवन से ही होगी। लेकिन इसमें भी काफी बदलाव हो जाएंगे। संसद से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चार अलग-अलग इमारतों वाले पूरे परिसर को एकीकृत करने का काम चल रहा है। बाहरी क्षेत्र के पुनर्विकास के तहत महात्मा गांधी, छत्रपति शिवाजी और महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमाओं एवं राष्ट्रीय प्रतीकों को पुराने संसद भवन (संविधान सदन) के द्वार संख्या 5 के पास एक उद्यान में ले जाया जाएगा। इससे संसद के नये भवन के ‘गज द्वार’ के सामने एक विशाल उद्यान के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। 

बता दें कि गज द्वार का उपयोग राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नए संसद भवन में प्रवेश के लिए करते हैं। इस उद्यान का उपयोग आधिकारिक समारोहों जैसे संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति का संबोधन जैसे आधिकारिक समारोहों के लिए भी किया जा सकता है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘लक्ष्य यह है कि नई लोकसभा की बैठक से पहले नवीनीकृत संसद परिसर को तैयार करना है।’’ संसद परिसर में चार इमारतें- संसद भवन, संविधान सदन, संसद पुस्तकालय और संसदीय सौध- हैं। प्रत्येक भवन का अपना अलग परिवेश और सुरक्षा व्यवस्था है। 

वर्तमान में संसद परिसर के भीतर वाहनों की आवाजाही मुश्किल

सूत्र ने कहा कि पूरे परिसर को एक इकाई मानकर चल रहे सुधार प्रयासों की योजना बनाई जा रही है, जिससे वाहनों और लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी। वर्तमान में संसद परिसर के भीतर वाहनों की आवाजाही मुश्किल है। खासकर संसद सत्र के दौरान सुरक्षा बहुत सख्त होती है। संसद पुस्तकालय भवन और एनेक्सी एक सड़क के द्वारा अलग किए गए हैं जिसमें एक स्वागत कार्यालय और बैरकों की एक पंक्ति और आवास सुरक्षा कार्यालय है। बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा संसद परिसर के अंदर स्थित है और हजारों आगंतुक उनकी पुण्यतिथि और जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए परिसर में आते हैं। 

रेड क्रॉस रोड भी परिसर का एक हिस्सा बन जाएगा

एक अन्य संसद सूत्र ने बताया कि संसद परिसर के बाहर रेड क्रॉस रोड भी परिसर का एक हिस्सा बन जाएगा क्योंकि उस जगह पर लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के लिए कार्यालय विकसित करने की योजना है, जहां वर्तमान में रेड क्रॉस सोसायटी है। बैरकों की कतार को खाली कराया जा रहा है और संसद भवन को एनेक्सी से अलग करने वाली परिसर की दीवार को भी ध्वस्त करने की योजना बनाई जा रही है। इन कार्यालयों को नए संसद भवन के ‘नॉर्थ यूटिलिटी ब्लॉक’ में स्थानांतरित कर दिया गया है। 

Input – PTI

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