असम में कांग्रेस को एक और झटका लगा है। विधायक भरत चंद्र नारा ने सोमवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। नाओबोइचा से विधायक ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज दिया है। नारा ने लिखा, “मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा देता हूं।”
पत्नी को टिकट नहीं मिलने से नाराज थे भरत नारा
इससे पहले भरत नारा ने असम में पार्टी के मीडिया सेल के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था। अपनी पत्नी रानी नारा को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने से वो नाराज थे। उन्होंने खरगे को भेजे एक लाइन के त्यागपत्र में कहा, “मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।” भरत नारा कांग्रेस के टिकट पर छह बार विधानसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 1985 से 2011 तक लगातार ढकुआखाना निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की और राज्य में कैबिनेट मंत्री भी रहे। 2021 में, वह लखीमपुर जिले की नाओबोइचा सीट पर चले गए और फिर से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए।
टिकट की प्रबल दावेदार थीं रानी नारा
रानी नारा इस बार असम की लखीमपुर सीट पर टिकट की प्रबल दावेदार थीं। वह इस लोकसभा क्षेत्र से तीन बार जीतीं हैं और एक बार राज्यसभा के लिए भी चुनी गईं। कांग्रेस नेता ने केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया। हालांकि, कांग्रेस ने इस बार रानी नारा के बजाय उदय शंकर हजारिका को लखीमपुर सीट से मैदान में उतारा है। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में बीजेपी छोड़ दी थी।
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