तेलंगाना: कांग्रेस ने BRS विधायक कादियम श्रीहरि को पार्टी में शामिल होने का दिया ऑफर, बेटी को भी न्योता


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बीआरएस विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम कादियम श्रीहरि

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बड़ा दांव खेलने की जद में है। खबर है कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने शुक्रवार को भारत राष्ट्र समिति (BRS) के वरिष्ठ विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री कादियम श्रीहरि को पार्टी में शामिल होने के लिए ऑफर दिया है। कांग्रेस ने ये ऑफर श्रीहरि की बेटी कादियम काव्या को भी दिया है। बता दें कि वारंगल लोकसभा सीट से बीआरएस द्वारा उम्मीदवार घोषित की गई कादियम काव्या के चुनावी मुकाबले से हटने का फैसला करने के एक दिन बाद कांग्रेस ने यह पेशकश की है। 

श्रीहरि के घर पहुंचकर दिया ऑफर

कांग्रेस की तेलंगाना प्रभारी दीपा दासमुंशी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मल्लू रवि और पार्टी के अन्य नेताओं ने हैदराबाद में श्रीहरि और काव्या से मुलाकात की और उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। दासमुंशी ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कादियम श्रीहरि जी के घर कांग्रेस की तरफ से अनुरोध करने आए हैं। उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। कादियम श्रीहरि जी और काव्या दोनों से हमारा अनुरोध है वे कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी को मजबूत कर सकते हैं।’’ दासमुंशी ने कहा कि श्रीहरि ने उनकी बातें गौर से सुनीं। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। वे जल्द ही जवाब देंगे।’’ 

कांग्रेस में जाने को लेकर 1-2 दिन में लेंगे निर्णय

वहीं कांग्रेस में शामिल होने के लिए आमंत्रण मिलने का जिक्र करते हुए श्रीहरि ने कहा कि वह अपने समर्थकों और शुभचिंतकों से विचार-विमर्श करने के बाद एक या दो दिन में निर्णय लेंगे। क्या काव्या को कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा जाएगा, यह पूछे जाने पर श्रीहरि ने कहा कि वे अभी कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं। श्रीहरि ने कहा कि विभिन्न कारणों से बीआरएस अपना जनाधार खो रही है जिसके चलते कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। इस बीच, बीआरएस के कार्यवाहक अध्यक्ष के टी रामाराव ने अफसोस जताया कि 10 साल तक सत्ता का आनंद लेने के बाद कुछ नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। काव्या ने गुरुवार को वारंगल सीट से बीआरएस उम्मीदवार के तौर पर मुकाबले से हटने की घोषणा की थी। बीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव को लिखे पत्र में काव्या ने अपने फैसले के पीछे पूर्ववर्ती बीआरएस शासन के खिलाफ भ्रष्टाचार और फोन टैपिंग के हालिया आरोपों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि आरोपों से पार्टी की साख कम हुई है। 

केटीआर ने किया पलटवार

इसको लेकर बीआरएस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे रामाराव ने कहा, ‘‘10 साल तक सत्ता का आनंद लेने के बाद, कुछ लोग जाते समय आरोप लगाते हैं। जब हम उन लोगों की टिप्पणी सुनते हैं तो अजीब लगता है। लेकिन, वे बड़े नेता हैं। मैं कुछ नहीं कहना चाहता। इसे उनके विवेक पर छोड़ दें। समय हर चीज का जवाब देगा।’’ बता दें कि हाल ही में बीआरएस विधायक दनम नागेंद्र और रंजीत रेड्डी कांग्रेस में शामिल हो गए, वहीं पार्टी के दो अन्य सांसद बी बी पाटिल और पी रामुलु भाजपा में शामिल हो गए। बीआरएस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य के केशव राव ने भी पार्टी छोड़ने का संकेत दिया है। 

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