गाजीपुर: माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई, जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार में हजारों लोगों की भीड़ जुटी। इस दौरान मुख्तार के परिवार के कई सदस्य भी मौजूद रहे, लेकिन उसका बड़ा बेटा अब्बास अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका। दरअसल, मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी को पैरोल नहीं मिल सकी। वहीं अब अब्बास अंसारी को जेल से बाहर निकालने को लेकर मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने बयान दिया है। अफजाल अंसारी ने कहा है कि हम अब्बास अंसारी को पैरोल पर नहीं, बल्कि जमानत पर बाहर लाएंगे। बता दें कि मुख्तार के अंतिम संस्कार के दौरान भी अफजाल अंसारी और जिलाधिकारी के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी।
अब्बास पर कई मुकदमे दर्ज
दरअसल, अब्बास के बारे में बात करते हुए अफजाल अंसारी ने कहा कि वह कासगंज की जेल में बंद है। उसके ऊपर मऊ में चुनाव के दौरान कई सारे मुकदमे दर्ज किए गए, शूटिंग के मामले को लेकर भी अब्बास पर मुकदमे दर्ज हैं, लखनऊ की जमीन और गाजीपुर की किसी जमीन को लेकर भी अब्बास पर मुकदमा लिखवाया गया है। ज्यादातर मामलों में उसकी जमानत हो गई है। उन्होंने कहा कि दो मामले ऐसे हैं जिसमें उसका एप्लीकेशन हाईकोर्ट में पेंडिंग है।
जमानत पर बाहर लाने का प्रयास
अफजाल ने कहा कि पैरोल का यह नियम है कि पुलिस कस्टडी में किसी के परिजन की मौत हो जाती है तो उसके दाह संस्कार या मिट्टी में शामिल होने के लिए दिया जा सकता है। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए दरख्वास्त दी गई लेकिन अफसोस ये रहा कि जिस कोर्ट में दरख्वास्त दी गई, उस कोर्ट में उस दिन सुनवाई ही नहीं हुई और इसलिए जब सुनवाई नहीं हुई तो फिर अब्बास जेल से निकल भी नहीं सके। अब हमारा प्रयास है कि एक से दो सप्ताह के अंदर अब्बास अंसारी को पैरोल पर नहीं बल्कि रेगुलर जमानत पर बाहर लाने का प्रयास करेंगे।
(गाजीपुर से शशिकान्त तिवारी की रिपोर्ट)
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