Raghuram rajan on chip manufacturing : भारत का चिप मैन्युफैक्चरिंग में पड़ना एक विनाशकारी दौड़… यह क्या बोल गए रघुराम राजन


रघुराम राजन- India TV Paisa

Photo:REUTERS रघुराम राजन

Raghuram rajan recent interview : भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने शनिवार रात लिंक्डइन पर एक नोट जारी किया है। उन्होंने इसमें एक न्यूज एजेंसी को दिये हालिया इंटरव्यू के बारे में आ रहे कमेंट्स पर प्रतिक्रिया दी है। राजन ने कहा कि हायर एजुकेशन के लिए सालाना बजट की तुलना में चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए सब्सिडी पर अधिक खर्च करने की भारत की पॉलिसी सही नहीं है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर राजन ने लिखा, ‘यह निश्चित रूप से विकसित देश बनने का तरीका नहीं है। चाहे मेरे ट्रोल मित्र कुछ भी कहें।’

चिप मैन्युफैक्चरिंग में पड़ना एक विनाशकारी दौड़

राजन ने स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं है कि भारत को कभी चिप्स नहीं बनाना चाहिए, लेकिन हर देश ऐसा करने की कोशिश कर रहा है। अब इसमें शामिल होना एक विनाशकारी दौड़ होगी। राजन ने हाल ही में ब्लूमबर्ग को एक इंटरव्यू दिया था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस इंटरव्यू में उन्होंने एजुकेशन सिस्टम को ठीक करने के बजाय चिप मैन्युफैक्चरिंग (chip manufacturing) जैसे हाई प्रोफाइल प्रोजेक्ट्स पर फोकस करने के लिए सरकार की आलोचना की थी।

76,000 करोड़ रुपये की चिप सब्सिडी

भारत ने पिछले महीने ही अपनी 76,000 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) की चिप सब्सिडी स्कीम के तहत 3 सेमीकंडक्टर प्लांट्स को मंजूरी दी थी। इन तीन फैसिलिटीज में कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये के निवेश में से अनुमानित 48,000 करोड़ रुपये (5.8 अरब डॉलर) केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिये जाएंगे।

चिप फैक्ट्रियों की कई जनरेशंस को देनी होगी सब्सिडी

राजन ने लिखा, ‘वास्तविकता यह है कि चिप सब्सिडी कैपिटल सब्सिडीज है। इसका एडवांस पेमेंट किया जाना है, न कि यह उत्पादन पर आधारित (पीएलआई के विपरीत) है। यदि सरकार का यह दावा कि भारत जल्द ही चिप्स बनाएगा, विश्वसनीय है, तो कैपिटल सब्सिडी बहुत जल्द दी जाएगी। केवल भोले-भाले लोग ही सोचेंगे कि सब्सिडी यहां बंद हो जाएगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो हमें जो मिलेगा, वह है 28 nm चिप्स। आधुनिक सेल फोन में अत्याधुनिक 3 nm चिप्स (अधिक परिष्कृत चिप्स का एनएम कम होता है) हैं। अगर हमें एक वैश्विक चिप मैन्युफैक्चरर बनना है, तो हमें इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए चिप कारखानों की कुछ पीढ़ियों तक को सब्सिडी देनी होगी और सब्सिडी का आकार बढ़ता रहेगा, क्योंकि अधिक परिष्कृत चिप्स बनाने में लगने वाली आधुनिक मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजीज बहुत अधिक महंगी होंगी।’

Latest Business News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *