Lok Sabha Elections 2024: NDA या I.N.D.I.A, यूपी की 80 सीटों पर कौन आगे? पढ़ें इंडिया टीवी-CNX का ओपिनियन पोल


Lok Sabha Elections 2024- India TV Hindi

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Lok Sabha Elections 2024

लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो चुका है। कुल 7 चरणों में देश की विभिन्न लोकसभा सीटों पर मतदान होंगे। लोकसभा चुनाव की चर्चा बिना उत्तर प्रदेश के हो ही नहीं सकती। यहां लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। कहा जाता है कि दिल्ली के सिंहासन का रास्ता यूपी से ही होकर गुजरता है। लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में मुख्य मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन, कांग्रेस-सपा के I.N.D.I अलायंस और  बसपा के बीच है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के लोगों के मन में क्या है ये जानने के लिए हमने यहां लोगों से बात की। आइए जानते हैं इंडिया टीवी-CNX का ओपिनियन पोल में यूपी की जनता ने क्या राय दी है।

प्रमुख सीटों पर कौन आगे?

अमेठी: राहुल गांधी यहां से हारे तो केरल के वायनाड चले गए. स्मृति ईरानी ने यहां घर बना लिया है और राहुल बाहरी हो गए हैं. दलित मुस्लिम और ब्राह्मण बहुल सीट है…दलित 26 परसेंट, मुस्लिम 20 परसेंट, ब्राह्मण 18 परसेंट, राजपूत 11 परसेंट, यादव मौर्य लोध और कुर्मी 26 परसेंट हैं…अब तक हुए 16 चुनावों में से सिर्फ 3 बार यहां से कांग्रेस हारी है…दो बार बीजेपी ने कांग्रेस को यहां मात दी है…सपा और बसपा यहां अभी तक अपना खाता नहीं खोल सके हैं…इस सीट से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भी स्मृति ईरानी आगे चल रही हैं।

 

रायबरेली: लगातार 5 बार सांसद रहने के बाद सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट छोड़ी है। अब वो राज्यसभा जा चुकी हैं…दलित और ब्राह्मण बहुल सीट है…प्रियंका गांधी के यहां से चुनाव लड़ने की अटकलें रही हैं…दलित – 34 परसेंट, इसमें भी पासी वोटर्स 4.5 लाख हैं, ब्राह्मण- 14 परसेंट, राजपूत- 9 परसेंट हैं…अभी तक यहां कांग्रेस के आगे कोई जाति समीकरण काम नहीं करता था…सिर्फ तीन बार यहां से कांग्रेस हारी है…बीजेपी जाति के सहारे कांग्रेस के गढ़ पर कब्जे की तैयारी में है….पिछले साल बीजेपी ने बुद्धिलाल पासी को जिलाध्यक्ष बनाया था…बुद्धिलाल पासी दलित हैं…बीजेपी इस बार ऊंचाहार से सपा विधायक मनोज पांडे को रायबरेली से टिकट दे सकती है। इस सीट पर भी भाजपा को जीत मिल सकती है।

 

लखनऊ: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सांसद हैं… उनसे पहले यहां से अटल बिहारी वाजपेयी सांसद थे. राजनाथ सिंह एक बार फिर मैदान में हैं…ब्राह्मण और मुस्लिम बहुल सीट है…ब्राह्मण – 20%, मुस्लिम -22%, श्रीवास्तव – 8%, वैश्य – 6%, यादव – 5%, राजपूत – 6%…इस सीट से सिर्फ 5 पर गैर ब्राह्मण उम्मीदवार चुनाव जीते हैं….1991 के बाद से बीजेपी यहां से कभी चुनाव नहीं हारी है…अटल बिहारी वाजपेयी यहां से लगातार 5 बार सांसद रहे हैं। राजनाथ सिंह लगातार दो बार इस सीट से चुनाव जीत चुके है…राजनाथ सिंह 24 में हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। 

 

फ़ैजाबाद अयोध्या:  राम मंदिर का मुद्दा सबसे बड़ा है…राम मंदिर आंदोलन के बाद बीजेपी का यहां खाता खुला…विनय कटियार 1991 में पहली बार यहां से सांसद बने…विनय कटियार भी कुर्मी जाति से आते हैं…राजपूत लल्लू सिंह यहां से दो बार से बीजेपी सांसद हैं…बीजेपी ने इस बार भी लल्लू सिंह को कैंडिडेट बनाया है….सपा ने अवधेश प्रसाद को उतारा है जो पासी समाज से आते हैं…यहां दलित और कुर्मी 26 पर्सेंट से ज्यादा हैं…। इस बार भी लल्लू सिंह यहां से आगे चल रहे हैं। 

सहारनपुर: 2019 में बीएसपी जीती…मुस्लिम वोट का डॉमिनेंस…6 लाख मुस्लिम वोटर, 3 लाख दलित, डेढ़ लाख गुर्जर, 3.5 लाख सवर्ण हैं। 7 बार इस सीट से मुस्लिम कैंडिडेट जीते…बीजेपी 3 बार इस सीट से चुनाव जीत चुकी है…बीजेपी ने एक बार फिर राघव लखनपाल को कैंडिडेट बनाया है…कांग्रेस ने इमरान मसूद और बसपा ने माजिद अली को कैंडिडेट बनाया। राघव लखनपाल फिर से चुनाव जीत सकते हैं।

 

मुजफ्फरनगर: मुस्लिम और दलित बहुल सीट… जाट दबंग, संख्या में नंबर 3 पर आता है…5 लाख मुस्लिम वोटर, 2.5 लाख जाटव, डेढ़ लाख जाट हैं…7 लाख वोट अन्य हिंदू जातियों से हैं…इनमें ओबीसी, गैर जाटव हैं…बीजेपी इस सीट से 5 बार जीत दर्ज की है…बीजेपी के संजीव बालियान लगातार दो बार से सांसद हैं…बीजेपी से संजीव बालियान फिर मैदान में हैं…सपा ने हरेंद्र मलिक और बसपा ने दारा सिंह प्रजापति को कैंडिडेट बनाया है। बालियान फिर से चुनाव जीत सकते हैं।

 

मैनपुरी: मुलायम और अखिलेश की अपनी सीट, अभी यहां से डिंपल यादव सांसद हैं. यादव और शाक्य बहुल सीट कही जाती है…4.5 लाख से ज्यादा यादव,  3.5 लाख शाक्य, 2.5 लाख दलित और 1.25 लाख लोध राजपूत हैं….सपा लगातार 10 बार से इस सीट को जीत रही है…मुलायम सिंह यादव इस सीट से 5 बार सांसद रहे हैं। इस बार भी डिंपल यादव इस सीट से आगे चल रही हैं।

 

घोसी: 2019 में बीएसपी जीती…दलित, मुस्लिम, राजभर और चौहान बहुल सीट है….यूपी की उन चंद सीटों में शामिल है जो वामपंथ का गढ़ रही है…सीपीआई ने यहां 5 बार जीत दर्ज की है…कल्पनाथ राय यहां से सबसे ज्यादा चार बार सांसद रहे…बीजेपी का खाता यहां 2014 में खुला और हरिनारायण राजभर सांसद बने…2019 में बीएसपी के अतुल राय ने बीजेपी के हरिनारायण राजभर को हराया…बीजेपी ने इस बार यह सीट सहयोगी सुभासपा को दी है…ओपी राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को एनडीए का उम्मीदवार बनाया है। सपा के राजीव राय यहां से आगे चल रहे हैं।

 

आजमगढ़: अखिलेश के M+Y समीकरण का टेस्टिंग ग्राउंड… गुड्डू जमाली के वापस आने से सपा को मुस्लिम वोट अपने पक्ष में करने में मदद मिलेगी…मुस्लिम यादव मिलाकर 45 परसेंट वोटर हैं…30 परसेंट दलित और 25 परसेंट अपर कास्ट वोटर हैं…यहां से 14 बार यादव कैंडिडेट ने जीत दर्ज की है…रमाकांत यादव एकमात्र नेता हैं जो बीजेपी के साथ सपा और बसपा के टिकट पर यहां से जीत चुके हैं। इस सीट से धर्मेंद्र यादव आगे चल रहे हैं।

किस पार्टी को कितनी सीटें?

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा और NDA गठबंधन का परचम फिर से लहराने की उम्मीद है। इंडिया टीवी CNX के ओपिनियन पोल में सामने आया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को यूपी में 80 में अकेले 73 सीटें मिलने का अनुमान है। सहयोगी आरएलडी को 2 और अपना दल को 2 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, विपक्षी गठबंधन में सपा के खाते में 3 सीटें जा सकती हैं। बसपा का खाता खुलने की उम्मीद नहीं है। 

 





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