आप की अदालत: 16 साल की लड़की की 18 बार शादी, माधवी लता ने बताया दुल्हन की बिक्री का चौंकाने वाला मामला


Madhavi Lata- India TV Hindi

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आप की अदालत में बीजेपी नेता माधवी लता

इंडिया टीवी के सबसे लोकप्रिय शो आप की अदालत में बीजेपी की फायरब्रांड नेता माधवी लता ने शिरकत की है। माधवी को बीजेपी हैदराबाद लोकसभा सीट से असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ा रही है। आप की अदालत में माधवी लता ने इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के कई अहम सवालों का जवाब दिया। इस दौरान माधवी लता ने मुस्लिम लड़कियों की खरीद-फरोख्त का एक चौंकाने वाला मामला बताया। माधवी ने बताया कि कैसे एक हैदराबाद की गरीब लड़की की मिडिल ईस्ट में 18 बार शादी कराई गई।

“मिडिल ईस्ट से हैदराबादी लड़की ने किया फोन…”

आप की अदालत में माधवी लता ने कहा कि वह पुराने हैदराबाद के गरीब मुस्लिम परिवारों के बीच उन्हें शिक्षा और सहायता प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। उन्होंने एक ऐसे चौंकाने वाले मामले का जिक्र किया जिसमें एक बूढ़े अरबी शख्स को एक ‘दुल्हन की बिक्री’ की गई थी। माधवी ने कहा, “15 दिन पहले की बात है। एक लड़की ने मिडिल ईस्ट से अपने माता-पिता को फोन किया था। उसने कहा कि हैदराबाद को आप अभी दावत दे दीजिए, क्योंकि आपकी बेटी की 18 बार शादी हो चुकी है।”

माधवी ने बताया कि 16 साल की लड़की की शादी 70 साल के एक अरबी शख्स से होती है। यह सच्चाई है। क्या कोई अपनी बेटी के साथ ऐसा कर सकता है? मजहब कहां से आया? लड़की तो सभी की लड़की होती है। गरीबी के दलदल से बाहर निकलने के लिए बेटियों की शादी दो बार, तीन बार, चार बार करवा देते हैं। उन पैसों से पीछे परिवार में 7 या 8 बच्चों को खाना मिलता है। घर में खाना लाने के लिए लड़कियों को बेचा जा रहा है।

“आठ सालों से मुस्लिम गलियों में काम कर रही”

इस दौरान जब रजत शर्मा ने माधवी से पूछा कि आप जब बिंदी लगाकर, रुद्राक्ष पहन कर, मांग में सिंदूर भरकर मुस्लिम इलाकों में जाती हैं, उन गलियों में जाती हैं तो आपको घुसने देते हैं? इसपर माधवी ने कहा, “आठ साल से मैं खासकर इसी मुसलमान की गलियों में काम कर रही हूं। एक बार भी एक मुसलमान औरत या परिवार ने मुझसे यह नहीं कहा कि आप कैसे आ सकते हैं। हमारे प्यारे असद जी के लोग आते थे। हमारे यहां राशन की थैलियां ढूंढने के लिए। कौन कहां से आए, क्या कर रही है, ये सब क्यों कर रही है? मैं इन औरतों के पास उनके दर्द समझने के लिए जब भी जाती हूं, उनके दुख समझने के लिए तो मैं खाली हाथ नहीं जाती हूं। एक महीने का राशन लेकर जाती हूं, क्योंकि मुझसे मिलने के बाद कोई मां अपने घर खाली हाथ नहीं जाना चाहिए।”

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