Recycled Mobile Number
Recycled Mobile Number: क्या आपने हाल ही में नया SIM खरीदा है और आपके पास दिन भर अनचाहे कॉल्स आ रहे हैं? आप सोच रहे होंगे कि नया नंबर तो आपने किसी के साथ शेयर नहीं किया है, फिर कैसे ये कॉल आ रहे हैं? इसके पीछे की वजह रिसाइकिल्ड मोबाइल नंबर (Recycled Mobile Number) है। दूरसंचार विभाग के मुताबिक, हर महीने टेलीकॉम कंपनियां 1 करोड़ से ज्यादा रिसाइकिल किए हुए नंबर रिलीज करते हैं। ये वो मोबाइल नंबर होते हैं, जिसे पहले किसी यूजर ने इस्तेमाल किया है और अब उसने रिचार्ज कराना बंद कर दिया है।
क्या है Recycled Mobile Number?
एक समय के बाद ये नंबर टेलीकॉम कंपनियों को फिर से नए सब्सक्राइबर्स के लिए जारी हो जाते हैं। इन रिसाइकिल किए गए नंबर को अगर आपने खरीद लिया तो आपके पास इस तरह के अनचाहे कॉल्स आ सकते हैं। यही नहीं, इन रिसाइकिल किए गए नंबर को बैंक और UPI अकाउंट से लिंक करने में भी आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि यह नंबर पहले से ही किसी के बैंक और UPI अकाउंट से लिंक होता है।
Recycled Mobile Number
आप सोच रहे होंगे कि अगर यूजर्स को यह सब दिक्कत आती है तो टेलीकॉम कंपनियां रिसाइकिल किए हुए नंबर क्यों जारी करती है? आइए, जानते हैं रिसाइकिल नंबर को लेकर दूरसंचार विभाग की क्या पॉलिसी है?
Recycled Mobile Number के लिए नियम
दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा किसी मोबाइल नंबर को रिसाइकिल करने के लिए जो नियम बनाए गए हैं उसके मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियां किसी यूजर के मोबाइल नंबर को तब तक रिलीज नहीं कर सकते हैं, जब तक यूजर ने उसे 6 महीने तक इस्तेमाल नहीं किया है या फिर उसे रिचार्ज नहीं कराया है।
अगर, ग्राहक ने अपने नंबर के लिए मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) का रिक्वेस्ट जारी किया है, लेकिन नंबर किसी कारणवश दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर के साथ पोर्ट नहीं हो सका है, तो उस नंबर को दो महीने के बाद रिलीज किया जा सकता है।
मोबाइल नंबर के लिए एक निश्चित रिसोर्स अलोकेटेड है, जिसकी वजह से एक नंबर को कई बार रिसाइकिल किए जाने का प्रावधान है। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियों को मौजूदा रिसोर्स यानी उपलब्ध मोबाइल नंबर को ही दोबारा इस्तेमाल करने के लिए बाध्य होना पड़ता है ताकि ग्राहकों की डिमांड को पूरी की जा सके।
Recycled Mobile Number
नए नंबरिंग रिसोर्स की जरूरत
मौजूदा पॉलिसी में दूरसंचार विभाग किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर को 1-9 के बीच ही सीरीज असाइन कर सकती है। शुरुआत में 9 फिर 8 से शुरू होने वाले मोबाइल नंबर अलॉट किए गए। बाद में DoT ने 7 और 6 से शुरू होने वाले मोबाइल नंबर को अलॉट किया था। दूरसंचार विभाग ने 2003 में 750 मिलियन मोबाइल नंबरिंग रिसोर्स क्रिएट किए थे। साल 2019 तक 1,917 मिलियन नंबरिंग रिसोर्स क्रिएट किए जा चुके थे। TRAI के डेटा के मुताबिक, भारत में मोबाइल यूजर्स की संख्या फरवरी 2024 तक कुल 1,165 मिलियन तक पहुंच गई है। टेलीकॉम रेगुलेटर का अनुमान है कि 2025 तक भारत में 3,278 मोबाइल नंबरिंग रिसोर्स की जरूरत होगी।
Recycled Mobile Number
DND करें एक्टिवेट
जैसा कि आपको पता है कि शुरुआत में केवल 9 और 8 से शुरू होने वाले मोबाइल नंबर जारी किए गए थे। ऐसे में ज्यादातर नए नंबर जो इन दोनों डिजिट से शुरू होते हैं वो रिसाइकिल्ड मोबाइल नंबर ही होते हैं। ऐसे में ग्राहकों को इन दोनों डिजिट से शुरू होने वाले नए मोबाइल नंबर को लेने के बाद कुछ जरूरी काम करना होता है, ताकि उनके पास कोई अनचाहे कॉल्स न आए। इसके लिए यूजर्स को अपने मोबाइल नंबर पर DND यानी डू-नॉट-डिस्टर्ब सर्विस एक्टिवेट करना होगा।