इजराइल की सैन्य कार्रवाई के चलते रोजाना करीब 30 हजार लोग छोड़ रहे हैं रफह शहर, भीषण हमले का है डर


इजराइल आर्मी (फाइल फोटो)- India TV Hindi

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इजराइल आर्मी (फाइल फोटो)

रफह: संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिणी गाजा शहर रफह के बाहरी इलाके में इजराइली सैनिकों और फलस्तीनी आतंकवादियों के बीच भीषण लड़ाई के कारण महत्वपूर्ण नजदीकी सहायता मार्ग तक पहुंच बाधित हो गई है। जंग की वजह से 100,000 से अधिक लोगों को उत्तर की ओर भागना पड़ा है। रफह पर पूरी ताकत के साथ हमला करने की इजराइल की योजना फिलहाल रुकी हुई प्रतीत होती हैं। अमेरिका ने रफह पर इजराइल के हमले का विरोध किया है। 

संकट में हैं लोग 

तमाम ऐसे लोग हैं जो संयुक्त राष्ट्र की ओर से संचालित आश्रयों या अवैध तम्बू शिविरों में रुके हैं। मिस्र की सीमा पर स्थित यह शहर भोजन, दवा, ईंधन और अन्य सामान लाने का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) का कहना है कि लगभग 1,10,000 लोग रफह से भाग गए हैं और शहर में भोजन और ईंधन की आपूर्ति गंभीर रूप से कम है। 

बंद हैं मुख्य क्रॉसिंग 

रफह में कार्यरत ओसीएचए अधिकारी जॉर्जियोस पेट्रोपोलोस ने कहा कि शहर के पास दो मुख्य क्रॉसिंग बंद हैं, आपूर्ति में कटौती और चिकित्सा निकासी और मानवीय कर्मचारियों की आवाजाही रोक दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘भले ही हमें गलियारे से गुजरने का आश्वासन दिया गया हो, लेकिन लड़ाई में शामिल सेना के इतने करीब होना किसी मानवीय क्षेत्र के लिए स्वीकार्य नहीं है।’’ 

रफह छोड़ रहे हैं लोग 

पेट्रोपोलोस ने कहा कि यदि अधिक सहायता नहीं मिली तो संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत उपलब्ध कराया जाने वाला खाद्यान्न समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की तलाश में लगभग 30,000 लोग प्रतिदिन रफह छोड़ रहे हैं, लेकिन मानवीय सहयोग पहुंचाने वाले कार्यकर्ताओं के पास उन्हें नए स्थान पर शिविर स्थापित करने में मदद करने के लिए कोई आपूर्ति नहीं की गई। 

हमास ने किया हमला 

युद्ध की शुरुआत पिछले साल दक्षिणी इजराइल में हमास के अचानक हमले से हुई थी। उसने (हमास ने) लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे।  250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। पिछले वर्ष संघर्ष विराम के दौरान अधिकांश को रिहा कर दिए जाने के बाद भी हमालृस आतंकियों ने लगभग 100 लोगों को बंधक बना रखा है और। युद्ध में 34,800 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। (एपी)

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