रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। DRDO ने हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-2 का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का परीक्षण वायु सेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 से आज ओडिशा के तट पर किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सफलता पर डीआरडीओ को बधाई दी है।
परीक्षण के सभी उद्देश्य पूरे
डीआरडीओ ने इस सफल परीक्षण की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की है। इस पोस्ट में डीआरडीओ ने लिखा है कि उड़ान परीक्षण में टेस्ट के सभी उद्देश्य पूरे कर लिए गए। टेस्ट में प्रोपल्शन सिस्टम, कंट्रोल और गाइडेंस एल्गोरिदम की पुष्टि हुई।
सशत्त्र बलों की ताकत बढ़ेगी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ, वायुसेना और उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि इस परीक्षण की सफलत से रूद्रम-2 की भूमिका की मजबूती से पुष्टि हुई है। इससे भारतीय सशत्त्र बलों की ताकत कई गुणा बढ़ जाएगी।
सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रूद्रम-2 मिसाइल के उड़ान परीक्षण ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा कर लिया है। भारत ने ओडिशा तह से भारतीय वायुसेना के सुखोई -30 लड़ाकू विमान से हवा से सतह पर मार करनेवाली रुद्रम-2 मिसाइल का बुधवार को सफल परीक्षण किया। बयान में कहा गया, ‘डीआरडीओ ने 29 मई को सुबह साढ़े 11 बजे ओडिशा के तट पर भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमके-1 प्लेटफॉर्म से हवा से सतह पर मार करनेवाली रूद्रम-2 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
क्या है रूद्रम-2
रुद्रम-2 स्वदेशी रूप से विकसित ठोस प्रणोदक वायु-प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली है, जो दुश्मन के विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है। विभिन्न डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित कई अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को मिसाइल प्रणाली में शामिल किया गया है।