शुभेंदु अधिकारी ने रात को संदेशखाली की महिलाओं से क्यों की शंख बजाने की अपील, जानें पूरा मामला


सीनियर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी- India TV Hindi

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सीनियर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी

बशीरहाट: पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सीनियर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने बृहस्पतिवार को संदेशखाली क्षेत्र के साथ-साथ बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र के अन्य इलाकों की महिलाओं से अपील किया कि एक जून को होने वाले चुनाव से पहले अगर उन्हें कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो वे शंख बजाकर संकेत दें। भाजपा उम्मीदवार रेखा पात्रा के समर्थन में एक चुनावी रैली में अधिकारी ने आशंका जताई कि तृणमूल नियंत्रित राज्य पुलिस और अन्य लोग सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए निवासियों को डराने-धमकाने आ सकते हैं।

इस वजह से शंख बजाने की अपील की

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस से जुड़े संगठनों से पैसे स्वीकार करने के खिलाफ निवासियों को चेताते हुए कहा कि यदि वे देर रात अपने पड़ोस में अपरिचित लोगों को प्रवेश करते हुए देखें तो शंख बजाएं। शुभेंदु  अधिकारी ने कहा, ‘‘यदि आप (निवासी) रात में कोई संदिग्ध गतिविधि देखते हैं, यदि आप देखते हैं कि आपके इलाके में अजनबी लोगों के साथ पुलिसकर्मी प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन केंद्रीय बल के कर्मी नहीं हैं, तो स्थिति के अनुसार शंख बजाएं।

शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी को दी चेतावनी

शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन न करने की भी चेतावनी दी और कहा कि ऐसा करने पर उन्हें जेल में बंद टीएमसी नेता शाहजहां शेख जैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने मतदाताओं को बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग के कार्यान्वयन के बारे में बताया और ‘‘स्थानीय प्रशासन के एक वर्ग की मिलीभगत से तृणमूल कांग्रेस द्वारा’’ कैमरों के साथ छेड़छाड़ के प्रति आगाह किया।

टीएमसी ने दिया शुभेंदु अधिकारी को जवाब

वहीं, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने अधिकारी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव निर्वाचन आयोग की निगरानी में हो रहे हैं। उन्होंने अधिकारी पर प्रशासन और राज्य पुलिस के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाया। घोष ने कहा, ‘‘भाजपा जानती है कि पश्चिम बंगाल की अन्य सीट के साथ-साथ बशीरहाट में भी चुनाव का नतीजा क्या होगा। संदेशखाली की उनकी साजिश उल्टी पड़ गई है। हर कोई जानता है कि निर्वाचन आयोग की निगरानी में चुनाव हो रहे हैं। अधिकारी प्रशासन और राज्य पुलिस के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।

इनपुट-भाषा 





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