“मुस्लिम समाज ने हमारा साथ नहीं दिया, इसलिए…”, चुनाव नतीजों से निराश मायावती का आया बड़ा बयान


मुस्लिम समाज पर भड़कीं मायावती- India TV Hindi

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मुस्लिम समाज पर भड़कीं मायावती

लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। यूपी में जहां सबसे ज्यादा सीटें जीतकर समाजवादी पार्टी आगे निकल गई, तो वहीं पिछले चुनाव में 10 सीटें जीतने वाली बहुजन समाज पार्टी (बीजेपी) इस बार एक भी सीट नहीं जीत पाई। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव में जीरो सीट लाने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा मुस्लिम समाज बसपा का अंग रहा है। आगे इनको सोच समझकर मौका देंगे। उन्होंने कहा कि पिछले कई चुनावों में उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद मुस्लिम समाज ने हमारा साथ नहीं दिया। अब आगे सोच समझकर पार्टी इन्हें मौका देगी, ताकि पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान न हो।

“चुनाव बहुत लंबा नहीं खींचना चाहिए”

उन्होंने आगे कहा कि हमारी पार्टी चुनाव आयोग से शुरू से ही यह मांग करती रही है कि चुनाव बहुत लंबा नहीं खींचना चाहिए, बल्कि आम लोगों के हितों के साथ-साथ चुनाव ड्यूटी में लगने वाले लाखों सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों आदि के व्यापक हित व सुरक्षा आदि को ध्यान में रखते हुए यह चुनाव अधिक से अधिक तीन या चार चरणों में ही कराया जाना चाहिए। मायावती ने कहा कि चुनाव लगभग पूरे समय खासकर जोरदार गर्मी की तपिश से जनजीवन के अस्त-व्यस्त होने के कारण काफी ज्यादा प्रभावित रहा है और वोट प्रतिशत भी काफी प्रभावित हुआ है, जो चिंता का प्रमुख कारण बना रहा और यह लगातार मीडिया की सुर्खियों में भी रहा।

चुनाव आयोग को दी सलाह

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, ऐसे में यह उम्मीद की जाती है कि लोकतंत्र और आमजन के व्यापक हित के मद्देनजर आगे चुनाव कराते समय चुनाव आयोग की ओर से लोगों की इन खास परेशानियों को जरूर ध्यान में रखा जाएगा। इसके अलावा चुनाव के दौरान देशभर में लगभग पूरे समय महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी से त्रस्त लोगों में यह आम चर्चा रही कि अगर चुनाव फ्री एंड फेयर हुआ और EVM में कोई गड़बड़ी आदि नहीं हुई, तो फिर चुनाव परिणाम निश्चय ही खासकर रूलिंग पार्टी के नेताओं के दावों के मुताबिक नहीं होकर चौंकाने वाला जरूर होगा।

“दलित वर्ग को तहेदिल से आभार” 

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव का जो भी नतीजा आया है, वह लोगों के सामने है। उन्हें ही अब देश के लोकतंत्र, संविधान और देश हित के बारे में सोचना और फैसला करना है कि यह जो चुनाव परिणाम आया है, उसका आगे उन सबके जीवन पर क्या असर पड़ने वाला है, उनका अपना भविष्य कितना शांत व सुरक्षित रह पाएगा। इस चुनाव में बसपा का अकेले ही पार्टी से जुड़े लोगों के बलबूते पर बेहतर रिजल्ट के लिए हर मुमकिन प्रयास किया गया, जिसमें खासकर दलित वर्ग से मेरी खुद की जाति के लोगों ने वोट देकर जो अपनी अहम मिशनरी भूमिका निभाई है, मैं पूरे तहेदिल से उनका आभार जताती हूं। (IANS)

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