डॉक्टरों के मना करने के बावजूद मैदान पर खेलने पहुंच गए थे ऋषभ पंत, आप की अदालत में सुनाया दिलचस्प किस्सा


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आप की अदालत शो में ऋषभ पंत

Rishabh Pant In Aap Ki Adalat: भारतीय टीम के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंडिया टीवी के चर्चित शो ‘आप की अदालत’ में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को एक सवाल के जवाब में बताया कि उन्होंने एक्सीडेंट के बाद अपने मन ये विचार कभी आने ही नहीं दिया कि वह फिर से कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। साल 2022 में ऋषभ पंत एक कार एक्सीडेंट में बुरी तरह से घायल हो गए थे जिसके बाद उन्हें फिर से मैदान पर वापसी करने में काफी समय लग गया था।

तीन महीने बाद बिना किसी मदद से हो पाया था मैं पैरों पर खड़ा

ऋषभ पंत ने कार एक्सीडेंट में घायल होने के बाद अपनी रिकवरी प्रोसेस को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा “हादसे के तीन महीने बाद, मैं पहली बार बिना किसी मदद के दोनों पैरों पर खड़ा हो पाया था। तीन महीने तक, ये संभव नहीं था और मैं केवल एक टांग पर था। मेरा टखना भी टूट गया था। मैं दूसरा पैर नीचे नहीं रख पा रहा था। जब मैं पहली बार शॉवर के नीचे खड़ा हुआ, तो मैं बाहर ही नहीं आना चाहता था। वह सच में एक अद्भुत एहसास था।”

मैंने तय कर लिया था कि फील्ड में जाऊंगा तो आधे अधूरे मन से नहीं

अपनी मैदान पर फिर से वापसी को लेकर पंत ने आप की अदालत में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा “मैंने इस मानसिक स्थिति को कभी विकसित नहीं होने दिया। एक या दो बार मुझे ऐसा महसूस हुआ, लेकिन मैं मानसिक रूप से इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था, क्योंकि मैं ऐसा नहीं कर सकता। मैं चौबीसों घंटे जो कर रहा था उसके बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता था। चोट लगने  के बाद मैंने एक बार भी नहीं सोचा कि मैं खेल नहीं पाऊंगा और वह भी मैदान में एक विकेटकीपर के रूप में। मैंने तय कर लिया था कि फील्ड में जाऊंगा तो आधे अधूरे मन से नहीं, आना है, तो फुल आना है, नहीं तो नहीं आना है। उस समय यही मेरी सोच थी।

डॉक्टरों के मना करने के बावजूद पंत मैदान पर खेलने पहुंचे

ऋषभ पंत ने आप की अदालत शो में इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने डॉक्टरों के मना करने के बावजूद 15 अगस्त के दिन मैदान में खेलने लगे। उन्होंने बताया कि तब तक पूरी रिकवरी नहीं हुई थी। उन्होंने कहा, ‘मैं विजयनगर गया हुआ था, वहां JSW का एक काफी अच्छा इवेंट होता है, मुझे बुलाया गया था। वहां खेलने का कोई प्लान नहीं था। मुझे पता था कि अगर खेलूंगा तो मुझे डांट पड़ेगी, लेकिन मन में ये भी थी की ऐसे मौके थोडे न आएंगे। डांट खा लेंगे, वहां जा कर मैने बैटिंग कर ली, बहुत डांट पड़ी।  लेकिन सर, मजे लेने जरूरी है लाइफ में…वैसे मैं जिद्दी नहीं हूं, लेकिन कभी कभार थोडा जिद्दी होना भी चाहिए नहीं तो सपने कैसे पूरे करेंगे अपने।’

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