बीजिंग: भारत और मालदीव के बीच संबंधों में आई कड़वाहट अब दूर होती नजर आ रही है। दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य हो रहे हैं और इसकी सबसे बड़ी वजह है राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के रुख में दिख रहा बदलाव। इस बीच चीन के पहले दौरे पर पहुंचे मालदीव के एक वरिष्ठ मंत्री ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हाल की नई दिल्ली यात्रा और अपने देश की पर्यटन-निर्भर अर्थव्यवस्था के लिए भारत के साथ संबंधों के महत्व पर बात की है।
मुइज्जू को माना जाता है चीन समर्थक
आर्थिक विकास और व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राष्ट्रपति मुइज्जू के भारत दौरे के बाद माले ने नई दिल्ली के साथ संबंधों को नए सिरे से स्थापित किया है। मुइज्जू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए 9 जून को भारत गए थे। मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है।
भारत और मालदीव के बीच बेहतर संबंध
डालियान में 15वें विश्व आर्थिक मंच में भाग ले रहे मोहम्मद सईद ने सीएनबीसी इंटरनेशनल टीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘राष्ट्रपति मुइज्जू ने यह बात दोहराई है कि भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी बना हुआ है।’’ भारत और मालदीव के रिश्तों में ‘तनाव’ को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सईद ने कहा, ‘‘भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से बेहतर संबंध हैं। भारत हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्यों में से एक है, खासकर भारत से आने वाले पर्यटकों के मामले में। मालदीव में भारत का बहुत निवेश है, विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र में।’’
भारत आए थे मुइज्जू
नई दिल्ली से माले लौटने पर राष्ट्रपति मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा को मालदीव के लिए ‘महत्वपूर्ण सफलता’ बताया था। मुइज्जू ने इस बात पर भी जोर दिया था कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध मालदीव और मालदीव के नागरिकों के लिए समृद्धि लाएंगे। सईद चीन की यात्रा करने वाले मालदीव के पहले मंत्री हैं। इससे पहले जनवरी में मुइज्जू ने बीजिंग का दौरा किया था। (भाषा)
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