‘बिग बॉस ओटीटी 3’ के 1 जुलाई के एपिसोड में बहुत कुछ नया और हैरान कर देने वाला देखने को मिला। नॉमिनेशन के बाद कंटेस्टेंट्स के बीच काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से शो में आज बहुत तमाशा हुआ। मुनीषा खटवानी के नॉमिनेट होने के बाद कुछ लोगों को इमोशनल होते हुए देखा गया तो वहीं सना मकबूल, नेजी को नॉमिनेट करने के बाद रो पड़ीं। नॉमिनेशन के अलावा, आज के एपिसोड में सभी का ध्यान वड़ा पाव गर्ल चंद्रिका दीक्षित की ओर ही रहा है। उन्होंने घर के अंदर अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में हैरान कर देने वाला खुसाला किया। उन्होंने बताया कि जब वह केवल छह महीने की थीं तब उनकी मां की मौत हो गई थी।
चंद्रिका दीक्षित ने मां की मौत पर किया खुलासा
‘बिग बॉस ओटीटी 3’ में आज जबरदस्त धमाका हुआ है, जिसके बाद सभी की आंखें नम हो गई थी। वड़ा पाव गर्ल ने अपने दर्द भरे बचपन के बारे में खुलासा करते हुए बताया है कि जब वो 6 महीने की थीं तब उनकी मां का निधन हो गया था और उसके बाद उनके पिता ने कई बार शादी की। चंद्रिका दीक्षित ने रणवीर शौरी और मुनीषा खटवानी से बात करते हुए कहा कि जन्म के समय उन्होंने अपने पिता और मां का चेहरा नहीं देखा था। ये सुनाते ही सभी कंटेस्टेंट्स चौंक जाते हैं।
चंद्रिका दीक्षित के पिता ने दो नहीं इतनी शादी की थी
इंटरनेट सनसनी ने अपनी मां के निधन के बारे में खुलकर बात की और कहा, ‘6 महीने की थी जब मम्मी चली गई, फिर पापा को दारू की लत लग गई।’ इस बीच, रणवीर ने वड़ा पाव गर्ल से पूछा कि ऐसी स्थिति में उनका ख्याल किसने रखा। चंद्रिका ने बताया कि उनके पिता उन्हें रिश्तेदारों के घर छोड़ देते थे। उसी बातचीत में, दीक्षित ने कहा कि उनके पिता ने कई शादी की और उनके साथ उनका रिश्ता अच्छा नहीं था। उन्हें कभी एक पिता का प्यार नहीं मिला है। वहीं वो आगे खुलासा करती हैं कि उनके पिता ने 4-5 शादी हैं। चंद्रिका का जवाब सुनकर रणवीर हैरान रह जाते हैं और तज कसते हुए कहते हैं कि ‘भाई, आपके पापा को मानना पड़ेगा।’
चंद्रिका दीक्षित को पिता से है नफरत
‘बिग बॉस ओटीटी 3’ में वड़ा पाव गर्ल ने ये भी खुलासा किया है कि वह अपने पिता से नफरत करती है। उन्होंने कहा,’मैं उनसे नफरत करती हूं। मुझे जब जरूरत थी तब वो नहीं थे। 8-9 साल की जब मैं हुई तो मुझे मेरी नानी ने गोद लिया था। पूरी बातचीत को खत्म करते हुए, चंद्रिका ने बताया कि उनके रिश्तेदारों के घर पर उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता था और उन्हें बचा हुआ खाना खाने को दिया जाता था।