विधानसभा चुनावों के बाद एकनाथ शिंदे होंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, सीट शेयरिंग से पहले मंत्री ने दिया बयान


Eknath Shinde will be the Chief Minister of Maharashtra after the assembly elections minister Abdul - India TV Hindi

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अब्दुल सतार

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा बयान बाजियां तेज कर दी गई है। इस बीच शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के मंत्री अभी से ये दावा करने लगे हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। शिंदे गुट के मंत्री ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वे सिर्फ न ज्यादा लोकप्रिय नेता हैं बल्कि अल्पसंख्यक समाज भी उनके साथ हैं, क्योंकि वे एक हिंदू नेता और मुख्यमंत्री हैं और वे सभी को साथ लेकर चलते हैं। दरअसल एकनाथ शिंदे गुट के मंत्री अब्दुल सतार के दावों के बाद महायुती में मुख्यमंत्री के कुर्सी को लेकर चर्चा तेज हो गई है। बता दें कि महायुती के तीन प्रमुख दल भाजपा, शिवसेना और एनसीपी में सीट शेयरिंग फॉर्मूला अभी तय होना बाकी है।

एकनाथ शिंदे होंगे मुख्यमंत्री, बोले मंत्री अब्दुल सतार

अब्दुल सतार ने कहा कि एकनाथ शिंदे आज मुख्यमंत्री हैं और भविष्य में आने वाले विधानसभा चुनाव के बाद भी वही मुख्यमंत्री रहेंगे। हमारे नेता एकनाथ शिंदे ही हैं। मुझे लगता है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे एक नंबर के लोकप्रिय नेता हैं। वे किसानों में व लाडली बहनों में भी चर्चित हैं। साथ ही अल्पसंख्यक समाज भी एकनाथ शिंदे के साथ हैं। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे एक सामान्य किसान के बेटे हैं। उनकी लोकप्रियता इतनी है कि किसी के सामने भी उन्हें अगर खड़ा किया गया तो सबकी पसंद एकनाथ शिंदे ही रहेंगे। 

विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समाज में नहीं होगी नाराजगी

अब्दुल सतार ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव होगा और मुख्यमंत्री के पद पर एकनाथ शिंदे का ही नाम होगा। दिल्ली में बैठे वरिष्ठ नेता जो निर्णय लेंगे, वो हमें मंजूर होगा। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जिस तरह से काम करते थे, उनसे भी कई गुना तेज तरीके से और उन्हें साथ लेकर महाराष्ट्र में सरकार चलाने का काम एकनाथ शिंदे कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि महाराष्ट्र में इससे पहले इतने लोकप्रिय मुख्यमंत्री हुए हैं। मैं एकनाथ शिंदे के साथ हूं। मैं महाराष्ट्र में जगह-जगह घूम रहा हैं। अल्पसंख्यक समाज में लोकसभा चुनाव के वक्त नाराजगी थी, जो कि विधानसभा चुनाव के वक्त नहीं होगी। 





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