रोमांटिक हीरो से बने टीवी के ‘संस्कारी बाबूजी’, लेकिन एक विवाद ने बदल दी पूरी जिंदगी


Alok Nath- India TV Hindi

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रोमांटिक हीरो से बने टीवी के ‘संस्कारी बाबूजी’

हिंदी सिनेमा और टीवी सीरियल्स में ‘संस्कारी बाबूजी’ के नाम से मशहूर एक्टर आलोक नाथ आज अपना 68वां जन्मदिन मना रहे हैं। आलोक नाथ का जन्म 10 जुलाई 1956 में बिहार के खगड़िया में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1982 में ‘गांधी’ फिल्म से की थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वो कई फिल्मों में नज़र आ चुके हैं। आइए उनके जन्मदिन के खास मौके पर उनकी जिंदगी के अनसुने किस्सों पर एक नज़र डालते हैं।

रोमांटिक हीरो से बने ‘संस्कारी बाबूजी’

आलोक नाथ के पिता डॉक्टर थे और वह चाहते थे कि आलोक भी डॉक्टर बनें। लेकिन कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही आलोक की दिलचस्पी एक्टिंग की तरफ होने लगी। ऐसे में उन्होंने कॉलेज का रुचिका थिएटर ग्रुप जॉइन कर लिया।  वहीं, तीन साल तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाई करके अभिनय के गुर सीखे। इसके  बाद साल 1980 में उन्होंने ‘गांधी’ फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में उनका रोल छोटा था, लेकिन इस फिल्म से ही उनके कदम बॉलीवुड में पड़े। ‘गांधी’ फिल्म के बाद आलोक नाथ मुंबई आ गए, लेकिन दूसरी फिल्म के लिए उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ा। उन्हें पांच साल तक कोई दूसरी फिल्म नहीं मिली। इस दौरान उन्होंने 2 साल तक पृथ्वी थिएटर में नादिरा बब्बर के साथ अभिनय किया। उसी वक्त आलोक नाथ को ‘मशाल’ फिल्म में एक छोटा रोल मिला जो उन्होंने कर लिया। वहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि आलोक आज भले ही संस्कारी बाबू जी के रूप में ही जाने जाते हैं, लेकिन करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने बतौर रोमांटिक हीरो भी किरदार निभाए। 1987 में रिलीज हुई फिल्म ‘कामाग्नि’ में आलोक नाथ ने काफी बोल्ड सीन दिए थे। इसके अलावा ‘विनाशक’, ‘षड्यंत्र’ और ‘बोल राधा बोल’ जैसी कई फिल्मों में उन्होंने खलनायक का रोल भी अदा किया। हालांकि उन्हें निगेटिव रोल में ही पसंद किया गया।  

इस वजह से गुमनाम हो गए आलोक नाथ

इसके बाद आलोक नाथ ने फिल्मों में बाबू जी का रोल निभाना शुरू कर दिया। वह अपने बाबू जी के रोल की वजह से ही फेमस हुए थे। आलोक नाथ ‘हम आपके हैं कौन’, ‘मैंने प्यार क्यों किया’, ‘हम साथ-साथ हैं’। इन फिल्मों में उन्होंने एक संस्कारी पिता का किरदार निभाया। सिर्फ फिल्में ही नहीं बल्कि कई सीरियल में भी वह पिता का किरदार निभा चुके हैं। ‘वो रहने वाली महलों की’, ‘भारत एक खोज’, ‘बुनियाद और सपना बाबुल का बिदाई’। इन सीरियल्स ने आलोक नाथ की संस्कारी इमेज को और अच्छा बनाने में मदद की। फिलहाल इन दिनों आलोक शोबीज से दूर हैं। दरअसल, 2018 में मी टू मूवमेंट के दौरान राइटर और फिल्म मेकर विंदा नंदा और कई महिलाओं ने आलोक नाथ पर सेक्शुअल अब्यूज का आरोप लगाया गया था। इन आरोपों के सामने आने के बाद आलोक नाथ को काम मिलना बंद हो गया और वह दोबारा किसी फिल्म या शो में नजर नहीं आए। उन्हें आखिरी बार फिल्म ‘दे दे प्यार दे’ में देखा गया था जो 2019 में रिलीज हुई थी।

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