छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में ‘प्रेशर’ बम की चपेट में आने से 10 वर्षीय बालक की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के गंगालूर थानाक्षेत्र में पीड़िया गांव के करीब ‘प्रेशर’ बम की चपेट में आने से हिड़मा कवासी की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मुतवेंडी गांव निवासी हिड़मा बकरी चराने के लिए जंगल गया था। शनिवार दोपहर 2.30 बजे जब वह पीड़िया गांव के पास था तब उसका पैर प्रेशर बम के ऊपर पड़ गया, इससे बम में विस्फोट हो गया और बालक गंभीर रूप से घायल हो गया।
महिला विस्फोट की चपेट में आने से बच गई
उन्होंने बताया कि विस्फोट के दौरान बालक की मां कुछ दूरी पर मौजूद थी, जिसके कारण वह विस्फोट की चपेट में आने से सुरक्षित बच गई। अधिकारियों ने बताया कि महिला ने ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी, इसके बाद वे बच्चे को पैदल ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के मुतवेंडी शिविर ले गए। अधिकारियों ने बताया कि बालक को शिविर में प्रारंभिक इलाज दिया गया और फिर सीआरपीएफ के जवानों ने उसे बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि गंगालूर और बीजापुर के बीच चेरपाल में नदी पर बने पुल के ऊपर पानी बह रहा था, इसलिए इसे पार करने में समय लगा और बालक को शाम लगभग 6:00 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अत्यधिक खून बहने की वजह से बालक की मौत
अधिकारियों ने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार, अत्यधिक खून बहने की वजह से बालक की मौत हो गई। बस्तर क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में गश्त कर रहे सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए नक्सली अक्सर सड़कों और निर्माणाधीन सड़कों के किनारे और जंगल के कच्चे रास्तों पर ‘प्रेशर’ बम या बारूदी सुरंग लगा देते हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर समेत 7 जिलों वाले इस क्षेत्र में पहले भी ऐसे विस्फोट में नागरिक हताहत हुए हैं। पुलिस के अनुसार, पिछले साढ़े तीन महीनों में बीजापुर जिले में अलग-अलग जगहों पर बारूदी सुरंग विस्फोट की घटनाओं में छह लोगों की मौत हो चुकी है। (भाषा)
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