सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद को बताया कि 13 लाख से अधिक भारतीय छात्र वर्तमान में विदेश में उच्च अध्ययन कर रहे हैं। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में यह जानकारी साझा की। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार अध्ययन के लिए विदेश जाने वाले प्रवासी छात्रों के आंकड़े रखती है। अपने जवाब में सिंह ने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर, रूस, इजरायल और यूक्रेन सहित 108 देशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का देशवार विवरण साझा किया।
विदेश मंत्रालय ने जारी किया आंकड़ा
साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अभी 13,35,878 भारतीय छात्र विदेश में उच्च अध्ययन कर रहे हैं। उनके अनुसार 2023 में यह आंकड़ा 13,18,955 था जबकि यह 2022 में 9,07,404 था। उन्होंने कहा, ‘‘चालू वर्ष में 13,35,878 भारतीय छात्रों में से 4,27,000 कनाडा में और 3,37,630 छात्र अमेरिका में, 8580 चीन में, आठ यूनान में, 900 इजराइल में, 14 पाकिस्तान में और 2510 यूक्रेन में पढ़ रहे हैं।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि भारत सरकार लगातार ऐसे देशों की संख्या बढ़ाने के प्रयास कर रही है जो दुनिया भर में यात्रा को आसान बनाने के लिए भारतीयों को वीजा मुक्त प्रवेश यात्रा, पहुंचने पर वीजा जैसी सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं।
क्या बोले कीर्तिवर्धन सिंह?
विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा, विदेश स्थित भारतीय मिशन/पोस्ट लगातार विदेश में पढ़ रहे भारतीय छात्रों से संपर्क करते हैं और उन्हें अपने यहां या ग्लोबल रिश्ता पोर्टल पर रजिस्टर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वे पहली बार विदेश यात्रा करने वाले भारतीय छात्रों के लिए “स्वागत समारोह” का आयोजन करते हैं। उन्हें मेजबान देशों में सुरक्षा मुद्दों के बारे में जानकारी देते हैं। वे उन्हें भारतीय मिशन/पोस्ट के साथ पंजीकरण कराने और नियमित रूप से जुड़े रहने की सलाह भी देते हैं। भारतीय मिशन/पोस्ट स्वैच्छिक पंजीकरण के माध्यम से विदेश में भारतीय छात्रों का डेटा इकट्ठा करने के लिए उपर्युक्त विधि का उपयोग करते हैं।