Bangladesh crisis : भारतीय निर्यातकों को सता रही चिंता, बांग्लादेश के खराब हालात से व्यापार पर पड़ेगा असर


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Photo:FILE भारत बांग्लादेश व्यापार

घरेलू निर्यातकों ने सोमवार को बांग्लादेश में संकट पर चिंता जताते हुए कहा कि पड़ोसी देश के घटनाक्रमों का द्विपक्षीय व्यापार पर असर पड़ेगा। निर्यातकों को हालांकि उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो सकती है। निर्यातकों के अनुसार, बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण उन्हें पहले ही वहां निर्यात में रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है। भारत की सीमा पर बांग्लादेश को निर्यात के लिए पहुंचे जल्दी खराब होने वाले सामानों को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और देश में अंतरिम सरकार सत्ता संभाल रही है।

व्यापार पर पड़ेगा असर

हसीना सरकार के खिलाफ पिछले दो दिन में हुए विरोध प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में संकट के कारण हमें कुछ व्यवधानों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन हमें उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही ठीक हो जाएगी और व्यापार को किसी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा।’’ पश्चिम बंगाल स्थित निर्यातक और पैटन के प्रबंध निदेशक संजय बुधिया ने कहा कि चूंकि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ आर्थिक और भौगोलिक संबंध हैं, इसलिए इस संकट का भारत के व्यापार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

ये सामान होते हैं निर्यात

भारत बांग्लादेश को कपास, मशीनरी और खाद्य उत्पादों सहित कई तरह के सामान निर्यात करता है, जबकि जूट और मछली जैसे सामान आयात करता है। बुधिया ने कहा कि आपूर्ति में व्यवधान इन क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है और सीमा बंद होने या सुरक्षा बढ़ाने वाले किसी भी संकट से माल का प्रवाह बाधित हो सकता है। फियो के क्षेत्रीय चेयरमैन (पूर्वी क्षेत्र) योगेश गुप्ता ने कहा कि इस घटनाक्रम का द्विपक्षीय व्यापार पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी घटनाओं से सीमाओं पर माल की आवाजाही प्रभावित होती है।’’

बांग्लादेश में डॉलर की भारी कमी

इसी तरह के विचार साझा करते हुए पीएसवाई लिमिटेड के मालिक प्रवीण सराफ ने कहा कि बांग्लादेश में संकट के दीर्घकालिक प्रभाव होंगे और द्विपक्षीय व्यापार को नुकसान पहुंचेगा। पीएसवाई लिमिटेड बांग्लादेश को मसालों, खाद्यान्नों और रसायनों सहित कई वस्तुओं का निर्यात करता है। शोध संस्थान जीटीआरआई ने कहा कि बांग्लादेश डॉलर की भारी कमी का सामना कर रहा है, जिसने भारत सहित अन्य देशों से आयात करने की उसकी क्षमता को सीमित कर दिया है। इसके अलावा बढ़ती मुद्रास्फीति ने घरेलू मांग को भी कम कर दिया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के चलते परिधान और अन्य कारखानों की सुरक्षा करना जरूरी है। इसके अलावा व्यापार तथा आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने के लिए सीमापार आपूर्ति श्रृंखला को खुला रखना भी आवश्यक है।

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