NSA अजित डोवल के बेटे ने शेयर की बचपन की स्टोरी, कहा- पता नहीं था कि पापा IPS अधिकारी हैं


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NSA अजित डोवल और उनके बेटे शौर्य डोवल

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के बेटे शौर्य डोवल ने अपने बचपन की स्टोरी शेयर की है। उन्होंने कहा कि बचपन में उन्हें कभी नहीं पता चला कि उनके पिता एक IPS अधिकारी हैं और उन्हें लगता था कि वह विदेश सेवा में हैं। बीजेपी नेता और विचार मंच इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक शौर्य डोवल ने पीटीआई के साथ बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें अपने पिता के गुप्त अभियानों के बारे में अपने जीवन में बहुत बाद में पता चला। 

बैंकर से राजनीतिक विचारक बने शौर्य डोवल ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘बचपन में मुझे यह भी नहीं पता था कि वह एक आईपीएस अधिकारी हैं। मैं बहुत बाद में भारत वापस आया। शौर्य डोवल ने मजाकिया अंदाज में कहा कि एक बार उन्होंने अपने पिता के एक सहकर्मी से पाकिस्तान की आईएसआई की तुलना में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की गतिविधियों के बारे में खबरों की कमी के बारे में पूछा था। जवाब में आईबी के काम की गुप्त प्रकृति पर प्रकाश डाला गया, ‘चूंकि आप इसके बारे में कुछ नहीं सुनते हैं, इसलिए हम यह कर पाते हैं।’

आज तक, मुझे नहीं पता कि वह क्या करते हैं: शौर्य

शौर्य डोवल ने कहा, ‘आज तक, मुझे नहीं पता कि वह क्या करते हैं, घर पर काम पर चर्चा करने की कोई संस्कृति नहीं है। लेकिन वह मुझसे हर चीज पूछते हैं और शायद वह जानते हैं कि मैं क्या करता हूं।’ दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में अध्ययन करने वाले शौर्य डोवल के पास लंदन बिजनेस स्कूल और शिकागो विश्वविद्यालय से संयुक्त एमबीए की डिग्री है। उन्होंने निवेश बैंकिंग की अपनी नौकरी छोड़ी और 2009 में इंडिया फाउंडेशन की स्थापना के लिए भारत वापस आ गए। 

उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसे देश में एक अच्छी शुरुआत थी, जिसमें राजनीतिक ‘थिंक टैंक’ की संस्कृति नहीं थी। व्यावसायिक गतिविधियां ही वह चीज नहीं थीं जो मैं जीवन में चाहता था, इसलिए यह देश के लिए कुछ करने की मेरी छोटी सी कोशिश थी।’

1968 आईपीएस बैच के सदस्य हैं अजित डोवल

भारत के सुपर जासूसों में से एक माने जाने वाले अजित डोवल वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, जिससे वे एक से अधिक कार्यकाल के लिए इस पद पर रहने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं। 

केरल कैडर के 1968 आईपीएस बैच के सदस्य, डोवल भारत के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित पहले पुलिसकर्मी भी हैं। डोवल के करियर में कई खुफिया सफलताएं शामिल हैं, जिनमें मिजो नेशनल आर्मी के खिलाफ घुसपैठ अभियान और म्यांमा और चीन से संबंधित महत्वपूर्ण मिशन शामिल हैं। ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान उनका योगदान महत्वपूर्ण था। उन्होंने ‘इंडियन एयरलाइंस’ उड़ान 814 अपहरण की घटना के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। (इनपुट: भाषा से भी)

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