अनंतनाग के जंगलों में सर्च ऑपरेशन जारी, यहीं आतंकी हमले में मारे गए थे सेना के 2 जवान


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सर्च ऑपरेशन में जुटे सेना के जवान

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में भारतीय सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है। शनिवार शाम यहीं सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में तीन सैनिक और दो आम नागरिक घायल हुए थे। इनमें से दो जवानों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। सेना गरमांडू और अनंतनाग के जंगलों में आतंकियों की तलाश कर रही है। आतंकी हमले में जान गंवाने वाले दोनों सैनिक (दीपक कुमार यादव और प्रवीण शर्मा) पहली पैरा बटालियन के थे।

आतंकी हमले में घायल हुए जवान और दो नागरिकों का इलाज जारी है। सेना का ऑपरेशन समुद्र तल से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर घने जंगलों में हो रहा है। पूरे इलाके में सघन चेकिंग की जा रही है। जंगलों में बड़ी संख्या में आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।

कैसे हुई मुठभेड़

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के जंगलों में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब सुदूरवर्ती अहलान गगरमांडू जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की एक सूचना मिलने के बाद घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया गया था। आतंकवादियों के एक समूह ने संयुक्त तलाशी दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। दल में पैरा कमांडो सहित सेना के जवान और स्थानीय पुलिस के कर्मी शामिल थे। 

आतंकियों को मार गिराने का अभियान जारी

अंतिम सूचना मिलने तक आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें मार गिराने का अभियान जारी है। इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है। माना जा रहा है कि हाल ही में अनंतनाग की घटना में शामिल आतंकवादी डोडा में मुठभेड़ से बचकर किश्तवाड़ जिले से सीमा पार कर आये होंगे। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि पांच अगस्त को मानवीय और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पुष्टि हुई कि जुलाई में डोडा क्षेत्र में अत्याचारों के लिए जिम्मेदार आतंकवादी किश्तवाड़ रेंज को पार कर दक्षिण कश्मीर के कापरान-गरोल क्षेत्र में घुस आए हैं। राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लगातार इन आतंकवादियों पर नजर रखी और नौ व 10 अगस्त की रात को कापरान के पूर्व में पहाड़ों पर सटीक अभियान चलाया गया, जहां कथित तौर पर ये आतंकवादी छिपे हुए थे।

रात भर जारी रहा ऑपरेशन

10 अगस्त को अपराह्न करीब दो बजे संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। सुरक्षा बलों द्वारा चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने तुरंत अंधाधुंध, हताशापूर्ण और लापरवाही से गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें सैन्यकर्मी और आसपास के दो नागरिक घायल हो गए। घायल नागरिकों की आतंकवादी पृष्ठभूमि का पता लगाया जा रहा है। यह इलाका 10,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर है। यहां घने जंगल, बड़े-बड़े पत्थर, नाले और जटिल रास्ते हैं जो अभियान के लिए गंभीर चुनौती पेश करते हैं। सुरक्षा बल सोच-समझकर आगे बढ़ रहे हैं और आतंकवादियों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ऑपरेशन रात भर जारी रहा। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और सुरक्षा बल इलाके में आतंकवादियों की तलाश जारी रखे हुए हैं।

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