क्या हम अभी भी साल 2012 में हैं? मृतका की मां का सवाल
मृतका की मां आशा देवी ने कहा, ‘सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात वहां जो स्थिति बनी है, वह है। सरकारें उस मामले पर काम करने और महिला सुरक्षा तथा कानून की कमियों पर काम करने के बजाय एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय, पुलिस सब कुछ सीएम (पश्चिम बंगाल) के अधीन आता है। समझ में नहीं आता कि वह (ममता बनर्जी) किसके खिलाफ विरोध कर रही हैं। किससे फांसी की सजा मांग रही हैं। कानून उनके हाथ में है, सरकार कम से कम मामले को निचली अदालत में ठीक से भेज सकती थी। जब भी ऐसी घटना होती है तो निर्भया का नाम आता है, लेकिन हमने निर्भया कांड से क्या सीखा, व्यवस्था में क्या बदलाव आया है? हम अभी भी 2012 में हैं…’