‘तनखैया’ घोषित होने के बाद सुखबीर सिंह बादल का आया रिएक्शन, जानिए अकाल तख्त की मांग पर क्या बोले?


सुखबीर सिंह बादल- India TV Hindi

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सुखबीर सिंह बादल

अकाल तख्त ने शुक्रवार को सुखबीर सिंह बादल को ‘तनखैया’ (धर्मविरुद्ध आचरण के दोषी) घोषित कर दिया है। अब पंजाब के सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी (AAP) एवं बागी अकालियों ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) अध्यक्ष से पद से हटने की मांग की है। पंजाब में आप के प्रवक्ताओं ने संगरूर के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर तथा आनंदपुर साहिब के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि बादल को इस्तीफा दे देना चाहिए।

बादल ने आदेश को किया स्वीकार

अकाली दल से बगावत करने वाले प्रेम सिंह चंदूमाजरा और चरणजीत सिंह बराड़ ने भी कहा कि अकाल तख्त के आदेश को ध्यान में रखते हुए बादल को अपने पद से हट जाना चाहिए। अकाल तख्त ने 2007 और 2017 के बीच शिअद और उसकी सरकार द्वारा की गयी गलतियों को लेकर पार्टी प्रमुख को ‘तनखैया’ घोषित किया। उसके शीघ्र बाद बादल ने कहा कि वह अपना शीश झुकाते हैं और आदेश को स्वीकार करते हैं। 

अकाल तख्त के सामने मांगेगे माफी

बादल ने ‘एक्स’ पर लिखा कि वह शीघ्र ही अकाल तख्त के सामने पेश होकर माफी मांगेंगे। बादल ने हाल में वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। अकाल तख्त के फैसले का स्वागत करते हुए कंग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले दिन से ही कह रहे थे कि बादल के नेतृत्व में शिअद ने न केवल गलतियां की हैं, बल्कि पाप भी किए हैं। आप नेता ने कहा कि बादल को नैतिक आधार पर शिअद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

 

सिखों के हितों को पहुंचा नुकसान

 इस बीच, वरिष्ठ शिअद नेता दलजीत चीमा ने कहा कि सुखबीर बादल ने पहले भी कहा था कि वह अकाल तख्त के निर्देशों का पालन करेंगे। पांच तख्तों के प्रमुखों की बैठक के बाद अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि बादल जब उपमुख्यमंत्री और शिअद अध्यक्ष थे, तब उन्होंने ऐसे फैसले किए, जिनसे पार्टी प्रभावित हुई और सिखों के हितों को नुकसान पहुंचा। 

क्या सुनाया गया फैसला?

रघुबीर सिंह ने यहां अकाल तख्त परिसर से फैसला सुनाते हुए कहा कि जब तक बादल अपने पापों के लिए माफी नहीं मांग लेते, तब तक वे ‘तनखैया’ बने रहेंगे। सिंह ने बादल से 15 दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से पेश होने और माफी मांगने को कहा। जत्थेदार ने कहा कि जब तक बादल श्री गुरु ग्रंथ साहिब की उपस्थिति में अकाल तख्त के समक्ष हाजिर होकर अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते, तब तक उन्हें ‘तनखैया’ घोषित किया जाता है। 

भाषा इनपुट के साथ





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