बाइडेन ने UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता का किया समर्थन, शांति के लिए PM मोदी की यूक्रेन यात्रा को सराहा


पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन। - India TV Hindi

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पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन।

विलमिंगटनः अमेरिका ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि अमेरिका भारत की महत्वपूर्ण आवाज़ को प्रतिबिंबित करने के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है, जिसमें संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्थायी सदस्यता भी शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने शांति के लिए अगस्त में पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा की भी सराहना की।

बता दें कि पीएम मोदी ने जुलाई में रूस की यात्रा की थी और राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को शांतिपूर्ण समाधान के लिए यूक्रेन से वार्ता की पेशकश की थी। इसके बाद वह शांति का संदेश लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मिलने गए थे। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति का एक मसौदा तैयार कर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को अभी कुछ दिनों पहले ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन के पास भेजा था। इसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध में शांतिपूर्ण समाधान की संभावनाएं बढ़ गई हैं। 

भारत-अमेरिका की साझेदारी हुई और गहरी

क्वॉड शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-अमेरिका की व्यापक वैश्विक रणनीतीक साझेदारी और गहरी हुई है। साथ ही द्विपक्षीय संबंध और आपसी सहयोग को भी अत्यधिक मजबूत किया गया। ह्वाइट हाउस के अनुसार दोनों नेताओं ने अपने ग्रह के लिए एक स्वच्छ, समावेशी, अधिक सुरक्षित और अधिक समृद्ध भविष्य के निर्माण के प्रयासों की सफलता के लिए एक US-भारत साझेदारी को और करीब होना महत्वपूर्ण बताया। 

पोलैंड-यूक्रेन की यात्रा पर बाइडेन ने की प्रधानमंत्री की प्रशंसा

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्राओं के लिए सराहना की। यह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी और यूक्रेन में शांति और निरंतर मानवीय सहायता के लिए भी पीएम मोदी की प्रशंसा की। बाइडेन ने पीएम मोदी द्वारा यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून के महत्व को प्रमुखता देने की भी सराहना की।

इसके अतिरिक्त दोनों नेताओं ने नेविगेशन की स्वतंत्रता और वाणिज्य की सुरक्षा के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की। इसमें मध्य पूर्व में वह महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग शामिल हैं, जहां भारत 2025 में अरब सागर में समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने के लिए संयुक्त समुद्री बलों के साथ काम करने के लिए संयुक्त टास्क फोर्स 150 का सह-नेतृत्व संभालेगा। 

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