बेंगलुरु मर्डर केस में खुलासा: टीम हेड ने 49 टुकड़ों में महालक्ष्मी को काटा था, जानें क्या थी वजह?


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महालक्ष्मी मर्डर केस का खुलासा

बेंगलुरु की 26 वर्षीय महिला महालक्ष्मी की हत्या करने और उसके शरीर को 49 से ज़्यादा टुकड़ों में काटने वाले संदिग्ध व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस सूत्रों ने बुधवार को पुष्टि की कि संदिग्ध की पहचान 30 वर्षीय मुक्तिरंजन रॉय के रूप में हुई है, जो ओडिशा के भद्रक जिले के धुसुरी इलाके में एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया। महालक्ष्मी का सहकर्मी मुक्तिरंजन इस जघन्य हत्या के बाद से फरार था। कर्नाटक पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की थी और उसे पकड़ने के लिए चार टीमें ओडिशा भेजी थीं। अपराध के बाद मुक्तिरंजन कई दिनों तक पुलिस की गिरफ़्तारी से बचता रहा और फिर गायब हो गया।

ऐसे चला हत्या का पता

कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने पुष्टि की कि आरोपी पुलिस की तलाश से बचने के लिए ओडिशा में अलग-अलग जगहों पर घूम रहा था। बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद ने पहले कहा था कि वे मुक्तिरंजन की हरकतों का पता लगाने में कामयाब हो गए थे और उसका शव मिलने से पहले ही वे उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। मुक्तिरंजन के साथ एक ही टीम में काम करने वाली महालक्ष्मी की हत्या का मामला तब प्रकाश में आया जब पड़ोसियों ने उसके घर से दुर्गंध आने की सूचना दी।

इस वजह से की थी हत्या

पुलिस के अनुसार, पीड़िता का क्षत-विक्षत शव उसके घर में एक फ्रिज के अंदर पाया गया, जिससे व्यापक आक्रोश और अविश्वास फैल गया। जांचकर्ताओं का मानना है कि हत्या महालक्ष्मी और मुक्तिरंजन दोनों के काम छोड़ने के कुछ ही समय बाद यानी 2 या 3 सितंबर को हुई। 

कमिश्नर दयानंद ने खुलासा किया, “संदिग्ध, जो महालक्ष्मी के साथ काम करने वाली कंपनी में टीम हेड के रूप में वरिष्ठ पद पर था, ने 1 सितंबर से काम पर आना बंद कर दिया था। महालक्ष्मी का काम पर आखिरी दिन भी उसी दिन था।” पुलिस का मानना है कि मूल रूप से ओडिशा का रहने वाला मुक्तिरंजन काम के लिए बेंगलुरु में रह रहा था। हत्या के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन जांचकर्ताओं को संदेह है कि यह व्यक्तिगत विवादों या ऑफिस से उपजा हो सकता है।

(ओडिशा से शुभम कुमार की रिपोर्ट)

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