अवैध संबंध छिपाने के लिए प्रेमी-प्रेमिका ने ले ली दो मासूमों की जान, पानी की टंकी से बरामद हुए शव


एसपी सुधीर चौधरी- India TV Hindi

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एसपी सुधीर चौधरी

जैसलमेर: बबर मगरा क्षेत्र में दो मासूम 6 वर्षीय आदिल और 7 वर्षीय हसनेन के पानी के टांके में मिले शवों की गुत्थी पुलिस ने एक ही दिन में सुलझा दी है। पुलिस ने माना कि दोनों बच्चों की हत्या की गई है और इस मामले में उसने एक युवक-युवती को डिटेन किया है। आरोप है उन्होंने अपने अवैध संबंधों को छिपाने के लिए दोनों मासूमों को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि हत्या के कारणों का खुलासा करने के दौरान पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने आरोपियों के नाम उजागर नहीं किए। रविवार शाम शहर कोतवाली में उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस और गहराई से छानबीन कर रही है।

शाम को हुए लापता और रात में मिले शव

गौरतलब है कि बबर मगरा क्षेत्र से गत शनिवार शाम के समय से दो सगे भाइयों के बच्चे आदिल व हसनेन लापता हो गए। शनिवार देर रात करीब 11 बजे दोनों बच्चों के शव पड़ोस के एक खाली मकान के पानी के टंकी से बरामद हुए। पुलिस ने शवों को जवाहिर चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया। इधर रविवार सुबह 9 बजे से आदिल व हसनेन की हत्या का शक जाहिर करते हुए उनके परिजन व अन्य लोग मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि हसनेन के सिर पर चोट के निशान हैं, जबकि आदिल के गले पर ऐसे निशान है, जिससे अंदेशा है कि उसकी गला घोंट कर हत्या की गई है। जिस टंकी में शव मिले, उसका ढक्कन बंद था और उसमें 2.1 फीट पानी ही था, जबकि बच्चों की लम्बाई 3 फीट से ज्यादा थी। 

परिजनों ने किया प्रदर्शन

इसके बाद पुलिस अधीक्षक चौधरी सहित अन्य अधिकारी मोर्चरी पहुंचे। चौधरी ने परिजनों से कहा कि वे जल्द पोस्टमार्टम करवाएं ताकि बच्चों की मौत के कारणों का खुलासा हो सके। इधर पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर सहित अल्पसंख्यक समाज के अन्य प्रतिनिधि धरने पर रहे। गौरतलब है कि आदिल का पिता शौकत खां मदरसा पैराटीचर है और आदिल उसका इकलौता बेटा था जबकि हसनेन का पिता पीरबख्श मजदूरी करता है और वह अपने पिता की तीसरी संतान है।

एसपी ने दी जानकारी

पुलिस अधीक्षक चौधरी ने कहा कि पुलिस ने बच्चों की गुमशुदगी की सूचना को सोशल मीडिया पर वायरल किया। बाद में रात के समय शव मिलने के बाद वे स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और एफएसएल टीम ने जरूरी जांच की। पूरी रात पुलिसकर्मियों ने शव मिलने वाली टंकी के पास पहरा दिया, जिससे आरोपी साक्ष्यों को मिटा नहीं सके। चौधरी ने आगे कहा कि इस मामले में मुख्य अभियुक्त का एक-दो लोगों के साथ सम्पर्क था, उन लोगों की पुलिस में एफआईआर और शवों का पोस्टमार्टम समय पर नहीं करवाने में भूमिका सामने आई है। पुलिस उनसे इस संबंध में भी पूछताछ करेगी कि सबूतों को नष्ट करने और पुलिस की कार्रवाई में देरी करवाने में उनकी कितनी भूमिका है।

(इनपुट- योगेश गच्चा)

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