भारत ने इस इस्लामिक देश के लिए फिर दिखाया बड़ा दिल, विवादों के बावजूद 30 अरब रुपये की मदद का ऐलान


मालदीव के लिए 30 अरब रुपये की मदद का ऐलान- India TV Paisa

Photo:REUTERS मालदीव के लिए 30 अरब रुपये की मदद का ऐलान

भारत ने एक बार फिर बड़ा दिल दिखाते हुए अपने पड़ोसी और इस्लामिक देश मालदीव की मदद के लिए आगे आया है। भारत ने मालदीव के साथ बेहतर रिश्ते बनाने के उद्देश्य से सोमवार को 400 मिलियन डॉलर की करेंसी स्वैप एग्रीमेंट पर साइन किया। भारत ने इसके साथ ही पोर्ट, रोड नेटवर्क, स्कूल और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के निर्माण के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव में RuPay कार्ड भी जारी किया। इसके अलावा हनीमाधू इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर नए रनवे का उद्घाटन किया और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जताई। 

4 दिन के दौरे पर भारत आए हैं मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू

बताते चलें कि पिछले साल दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी। चार दिन के राजकीय दौरे पर आए मुइज्जू ने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। दोनों देश ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए एक दृष्टिकोण’ पर भी सहमत हुए। ये एक दस्तावेज है जो सहयोग के अलग-अलग पहलुओं को शामिल करता है। बातचीत के बाद, भारत ने मालदीव को 700 सोशल हाउसिंग यूनिट्स भी सौंपे। इसका निर्माण एक्जिम बैंक (भारतीय निर्यात-आयात बैक) की खरीदार कर्ज सुविधा के तहत किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘कुछ समय पहले हमने मालदीव में रूपे कार्ड पेश किया। आने वाले समय में हम भारत और मालदीव को यूपीआई से जोड़ने की दिशा में काम करेंगे।’’ 

पीएम नरेंद्र मोदी ने 30 अरब रुपये की मदद का किया ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव को 30 अरब रुपये की मदद की भी घोषणा की। दोनों देशों ने 400 मिलियन डॉलर की करेंसी स्वैप एग्रीमेंट पर साइन किए। इस कदम से मालदीव को वित्तीय चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि ये द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा भागीदारी में बदलने को लेकर सहयोग की एक नई रूपरेखा तैयार करने का उपयुक्त समय है। प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव को एक ‘घनिष्ठ मित्र’ बताया जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम ने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा एक पड़ोसी देश की जिम्मेदारियों को निभाया है। 

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