इजरायल के हमले में मारा गया याह्या सिनवार कौन था? कैसे मिला ‘खान यूनिस का कसाई’ का टाइटल, जानें


Yahya Sinwar, Hamas- India TV Hindi

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याह्या सिनवार

इजरायल ने गाजा में हमास के चीफ  याह्या सिनवार के मारे जाने की पुष्टि की है। सिनवार पिछले साल अक्तूबर महीने में इजरायल पर हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। इस हमले के बाद इजरायल और हमास के बीच भीषण जंग शुरू हो गई।  याह्या सिनवार इजरायल की ओर से मोस्ट वांटेड की लिस्ट में सबसे ऊपर था।  याह्या सिनवार के मारे जाने से हमास को एक बड़ा झटका लगा है। हालांकि अभी तक हमास की तरफ से याह्या सिनवार के मारे जाने की पुष्टि नहीं हुई है। इजरायल की सेना ने डीएनए और अन्य जांच के बाद सिनवार की मौत की पुष्टि की।

शरणार्थी शिविर में हुआ था जन्म

सिनवार का जन्म 1962 में खान यूनिस के गाजा शहर में एक शरणार्थी शिविर में हुआ था। उसका पूरा नाम याह्या इब्राहिम सिनवार है। वह 1987 में गठित हमास के शुरुआती सदस्यों में था।  1989 में मात्र 18 साल की उम्र में सिनवार पर 2 इजरायली सैनिकों की हत्या का आरोप लगा। उसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई थी। 2011 में कैदियों की अदला-बदली के दौरान उसे रिहा किया गया था। सिनवार अपनी क्रूरता के लिए कुख्यात था। उसने 12 संदिग्ध सहयोगियों की हत्या कर दी थी जिसके बाद उसे खान यूनिस का कसाई कहा जाने लगा था।

सात अक्टूबर, 2023 हमले का मास्टरमाइंड

सिनवार सात अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था और इजराइल ने गाजा में अपने जवाबी अभियान की शुरुआत से ही उसे खत्म करने का संकल्प ले रखा था। पूरे युद्ध के दौरान, सिनवार सार्वजनिक रूप से कभी सामने नहीं आया। सिनवार वर्षों से गाजा पट्टी के अंदर हमास का शीर्ष नेता रहा, जो इसकी सैन्य शाखा का गठन करते हुए इससे निकटता से जुड़ा हुआ था। 

इस्माइल हानिया की हत्या के बाद हमास की संभाली थी कमान

जुलाई में ईरान की राजधानी तेहरान में इजरायल के हमले में इस्माइल हानिया की हत्या के बाद सिनवार को समूह के शीर्ष नेता के रूप में चुना गया था। इजरायल ने हमास की सैन्य शाखा के प्रमुख मोहम्मद दीफ को भी हवाई हमले में मारने का दावा किया है, लेकिन हमास ने कहा है कि वह बच गया। इजराइली सेना ने उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर पर एक सप्ताह से अधिक समय से हवाई और जमीनी हमला जारी रखा है। 

खौफ का दूसरा नाम सिनवार!

यरूशलम पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक याह्या सिनवार के करीबी भी उससे खौफ खाते थे। उसे ‘ना’ सुनने की आदत नहीं थी। रिपोर्ट में किए गए दावों के मुताबिक अगर कोई शख्स सिनवार की बात को टालता था या फिर उसके सौंपे गए काम को नहीं करता था तो वह उसे जिंदा दफन करवा देता था।

सुरंगों में बैठकर लड़ाकों को देता था आदेश

सिनवार पर 2015 में हमास कमांडर महमूद इश्तिवी को टॉर्चर कर उसे मार डालने का भी आरोप था। सिनवार का ज्यादातर वक्त हमास की सुरंगाों में गुजरता था। इन सुरंगों में बैठकर वह हमास के लड़ाकों को कमांड देता था।

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