महायुति में 40 से 43 सीटों पर फंसा पेंच, दिल्ली पहुंचा मामला, अब सुलझाने में जुटे अमित शाह


देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंद और अजीत पवार- India TV Hindi

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देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंद और अजीत पवार

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में करीब 40 से 43 सीटों पर मामला फंसता हुआ नजर आ रहा है। यह मामला इस कदर फंसा है कि खुद अमित शाह को दखल देना पड़ा।  देर रात तक दिल्ली में अमित शाह के घर पर मीटिंग चली। इस मीटिंग में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। इन नेताओं के बीच देर रात तक सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हुई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही हैं।

पार्टियों के अंदर घमासान

महायुति के अंदर भी सीट बंटवारे को लेकर पार्टियों के अंदर घमासान मचा हुआ है। ताजा घटनाक्रम में एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने नागपुर के रामटेक विधानसभा सीट से पूर्व निर्दलीय विधायक आशीष जयसवाल को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस पर बीजेपी के पूर्व विधायक मलिकार्जुन रेड्डी ने बगावत शुरू कर दी। पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए सस्पेंड कर दिया।

वहीं बीजेपी नेता लक्ष्मण धोबले ने शुक्रवार को कहा कि वह अगले कुछ दिनों में शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) में शामिल होने की योजना बना रहे हैं। धोबले ने कहा कि उनका यह कदम अजित पवार के साथ भाजपा के गठबंधन के कारण है। सोलापुर जिले के पूर्व संरक्षक मंत्री धोबले ने दिन में मुंबई में शरद पवार से मुलाकात की। धोबले ने कहा कि उन्होंने (अविभाजित) राकांपा छोड़ दी क्योंकि वह “अजित पवार से तंग आ चुके थे”। उन्होंने कहा, “भाजपा में शामिल होने के बाद मेरा भी यही हश्र हुआ (अजित पवार के साथ गठबंधन के कारण)। इसलिए मैंने शरद पवार के साथ वापस जाने का फैसला किया है। मैं अपने समर्थकों से सलाह-मशविरा करूंगा और अगले दो दिनों में भाजपा छोड़ने पर फैसला करूंगा।” 

हरियाणा की तरह महाराष्ट्र भी जीतेंगे: शिंदे

उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहले भी यह  विश्वास जता चुके हैं कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव में ‘प्रचंड’ बहुमत से जीत हासिल करेगा। शिंदे ने कहा कि राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है।  उन्होंने दावा किया कि हरियाणा के परिणाम महाराष्ट्र में भी दोहराए जाएंगे क्योंकि हमने ‘लाडकी बहिन’ योजना समेत कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं।” महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना होगी। उन्होंने कहा, “राज्य में व्यापक विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि महायुति आगामी चुनाव में भारी बहुमत के साथ सत्ता में बने रहेगी।





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