अहमदाबाद: गुजरात के बनासकांठा जिले में वाव विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना बढ़ गई है। बता दें कि इस सीट पर 13 नवंबर को मतदान होना। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी INDI अलायंस के घटक दल हैं जो कि इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनावों से पहले राष्ट्रीय स्तर पर गठित 2 दर्जन से भी ज्यादा पार्टियों का गठबंधन है। बीजेपी को उपचुनावों में कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस और AAP ने यह फैसला लिया है।
‘AAP किसी को भी उम्मीदवार नहीं बनाएगी’
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, ‘चूंकि दोनों दल I.N.D.I.A. ब्लॉक का हिस्सा हैं, इसलिए हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचे हैं कि वाव सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस का कैंडिडेट चुनाव लड़ेगा और APP किसी को भी उम्मीदवार नहीं बनाएगी।’ उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि कांग्रेस हाईकमान गुरुवार रात या शुक्रवार सुबह तक राज्य नेतृत्व द्वारा साझा किए गए 3 संभावित उम्मीदवारों के पैनल में से किसी एक के नाम का ऐलान कर देगा। चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उम्मीदवार शुक्रवार दोपहर 3 बजे तक अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं।
गेनीबेन ठाकोर के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी सीट
बता दें कि गुजरात AAP के प्रवक्ता करण बरोट ने भी पुष्टि की है कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ अपने समझौते के तहत वाव सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। गुजरात के एक पार्टी नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड द्वारा भी गुरुवार रात तक अपने उम्मीदवार की घोषणा किए जाने की उम्मीद है। चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को घोषणा की थी कि उपचुनाव 13 नवंबर को होगा और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। जून में बनासकांठा से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद कांग्रेस विधायक गेनीबेन ठाकोर के इस्तीफे के बाद वाव सीट खाली हो गई थी।
ठाकोर गुजरात से कांग्रेस की एकमात्र लोकसभा सांसद
बता दें कि वाव कांग्रेस का गढ़ रहा है, जहां से गेनीबेन ठाकोर ने 2017 और 2022 में जीत दर्ज की थी। इस साल के लोकसभा चुनाव में दो बार विधायक रह चुकीं ठाकोर ने बनासकांठा से बीजेपी की रेखाबेन चौधरी को 30,000 से ज्यादा मतों के अंतर से हराया, जो अपना पहला चुनाव लड़ रही थीं। वह लोकसभा चुनावों में गुजरात में जीत दर्ज करने वाली एकमात्र कांग्रेस उम्मीदवार थीं। 182 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 12 है, जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी के पास 161 विधायक हैं। सदन में AAP के 4 विधायक, समाजवादी पार्टी का एक विधायक और 2 निर्दलीय विधायक भी हैं। (PTI)