यूपी: कौशांबी में ट्रस्ट के संचालक पर मनोरोगियों की हत्या और मानव अंगों की तस्करी का आरोप, पुलिस अलर्ट


Kaushambi- India TV Hindi

Image Source : INDIA TV
मनोरोगी आश्रय संचालक की कुंडली खंगालने में जुटी पुलिस

कौशांबी: यूपी के कौशांबी जिले में संचालित मनोरोगी आश्रय स्थल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, इस संस्था में काम कर चुके एक शख्स अंसार अहमद ने आरोप लगाया है कि संस्था का संचालक मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी करता है, अंसार ने आरोप लगाया कि शव को परिसर में ही जमीन के नीचे दफन कर दिया जाता है, हालांकि एक सच ये भी है की बीती 23 अक्तूबर को ट्रस्ट के संचालक मेहंदी अली ने आरोप लगाने वाले अंसार पर एक FIR दर्ज करवाई है, जिसमें अंसार पर सरेबाजार मेहंदी की पत्नी से बदसलूकी, मेहंदी से मारपीट और छोटी बच्ची (19 माह) के साथ भी मारपीट जैसे आरोप शामिल हैं।

इस घटना के चंद रोज़ बाद ही अब अंसार अहमद ने मेहंदी पर मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद कौशांबी डीएम ने मामले में टीम गठित कर जांच के आदेश दे दिए हैं। कौशांबी में ये मामला सराय अकील थाना क्षेत्र के मिन्हाजपुर गांव का है।

पुलिस हुई अलर्ट

मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी का मामला शनिवार को सामने आया तो पुलिस भी अलर्ट हो गई है। पुलिस और LIU मिलकर मनोरोगी आश्रय संचालक की कुंडली खंगालने में जुटी है ताकि पूरा सच सामने आ सके। इंडिया टीवी की टीम भी गांव पहुंची और मामले की जानकारी जुटाई तो पता लगा कि करीब पौने 2 बीघे में बना ये आश्रम 2018 में दान में ट्रस्ट के डायरेक्टर मेहंदी अली राजपूत को मिला था, जो साल 2017 तक प्रयागराज का रहने वाला अनुज प्रताप सिंह हुआ करता था। इस दौरान अनुज ने मुस्लिम लड़की से निकाह कर लिया और इस्लाम कुबूल कर लिया। अनुज से मेहंदी बन चुके इस शख्स का कहना है कि जो भी आरोप उसके ऊपर लगाए गए हैं, वो पूरी तरह से गलत और उसे फंसाने के इरादे से लगाए गए है। वो खुद सीएम योगी से इस मामले में विस्तृत जांच की अपील कर रहा है।

मेहंदी का क्या कहना है?

मेहंदी की मानें तो इलाके में लोग उसको इसलिए नहीं पसंद करते क्योंकि वो मुस्लमान है, जबकि मुस्लिम इसलिए पसंद नहीं करते क्योंकि वो हिन्दू से मुस्लिम बना है। मेहंदी का कहना है कि उसके ट्रस्ट में इस वक्त 21 मनोरोगी हैं, जिसमें 9 महिलाएं और 12 पुरुष हैं। ज्यादातर प्रशासन और पुलिस के माध्यम से ही उसे मनोरिगी मिलते हैं, जबकि कई बार सड़क पर मिले रोगियों को भी वो आश्रम ले आया है।

पिछले 2 सालों में आश्रम में 1 शख्स की मौत हुई है। जून 2023 में हुई मौत के बाद ट्रस्ट ने इसकी लिखित जानकारी DM और SP कौशांबी के साथ जिला विकलांग कल्याण अधिकारी को भी दी थी। मृतक का अंतिम संस्कर प्रयागराज के विद्युत शव गृह में हुआ था और इससे संबंधित हर एक जानकारी, रसीद और भुगतान की पर्ची ट्रस्ट ने इंडिया टीवी को भी दिखाई। इलाज के लिए जिस भी सरकारी अस्पताल में ट्रस्ट ने पेशेंट को दिखवाया, जहां-जहां सभी जरूरी जांचे हुईं, एक एक रिकॉर्ड ट्रस्ट के पास मौजूद है। यहां तक कि मृत्यु के दौरान और ज़िन्दा रहने तक की हर फोटो फाइल में अपडेट है। ट्रस्ट का डायरेक्टर इन सभी आरोपों को खुद को फंसाने की साजिश बता रहा है।

One umbreala नाम के इस ट्रस्ट को साल 2018 में बनाया गया था और इसकी ज्यादातर फंडिंग दोस्तों और करीबी लोगों से होती है। कई बार सरकार की योजनाओं के तहत भी ट्रस्ट को पैसा मिलता है। ट्रस्टी की मानें तो अब तक वो अलग अलग बैंको से करीब 3 करोड़ का लोन इस आश्रम को चलाने के लिए ले चुके हैं। ट्रस्ट में अभी 10 फुट की ऊंची दीवारें, अंदर बॉलीवाल खेलने के लिए कोर्ट, मनोरोगियों के रहने के लिए कई कमरे, उनके मनोरंजन और पढ़ाई के लिए हाल भी बनवाया गया है, जिससे मनोरोगियों का ख्याल भी रखा जा सके। हालांकि गांव के कुछ लोगों की मानें तो ट्रस्टी का व्यवहार गांव के लोगों के प्रति अच्छा नहीं है, इसलिए लोग उनसे मिलने से कतराते हैं।

बहरहाल प्रशासन और पुलिस ने बेहद सनसनीखेज आरोपों की जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद सच भी सामने जरूर आएगा लेकिन उत्तर प्रदेश के कौशांबी में ऐसे सनसनीखेज आरोपों ने एक बार फिर से पूरे इलाके को सन्न जरूर कर दिया है। 





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *