Video: छठ पर घर जा रहे यात्रियों का हाल बेहाल, आधी रात से लाइन में लगे, रेलवे स्टेशन पर ही बेहोश हुए


Udhna Railway Station Bheed- India TV Hindi

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सूरत के उधना स्टेशन में भीड़ (बाएं) गर्मी से बेहाल यात्री (दाएं)

गुजरात के सूरत से अपने घर लौट रहे यात्रियों के हाल-बेहाल हैं। छठ पूजा से पहले बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर के लिए निकल रहे हैं। हालांकि, रेलवे स्टेशन में ही उनकी हालत खराब हो रही है। यहां लाइन इतनी लंबी है कि आधी रात से ही आकर लोग खड़े हो रहे हैं। भीड़ की वजह से उनका दम घुट रहा है। सांस लेने में परेशानी हो रही है। स्टेशन में ही कई लोगों की हालत बिगड़ जा रही है। ट्रेन पकड़ने के लिए आधी रात से ही यात्री लाइन में खड़े हैं और सुबह तक उनकी हालत खराब हो रही है।

सूरत में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर रहते हैं। इनमें बड़ी संख्या में यूपी और बिहार के मजदूर हैं, जो छठ पर घर लौटते हैं। इसी वजह से दिवाली का त्योहार बीतने के बावजूद सूरत से उत्तर भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों में जमकर भीड़ देखने को मिल रही है। आधी रात से ही लोग अपने शहर की ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पहुंच रहे हैं। रात 8 बजे से टिकट के लिए लोग लाइन में खड़े रहते हैं।

स्टेशन के बाहर भी पुलिस तैनात

यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात करना पड़ रहा है। यह हालात सिर्फ स्टेशन के अंदर नहीं बल्कि स्टेशन के बाहर भी भारी तादाद में पुलिस बल तैनात है। उधना स्टेशन के बाहर सड़क पर यात्रियों की लंबी लंबी लाइने लगी है। उधना स्टेशन के बाहर सड़क पर यात्रियों की करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन देखी जा रही है, जिसमें छोटे बच्चों से लेकर महिला, ओर बुजुर्ग भी लाइन में खड़े नजर आ रहे है। भीड़ इतनी जबरदस्त है कि कितनी महिलाएं बेहोश हो चुकी है। कितने लोगों के पाकिट, रेल टिकिट से लेकर पैसे भी चोरी हो गए है। 

पुलिस को भगदड़ का डर

यात्रियों को सुरक्षित ट्रेन में बिठाने के लिए सुरक्षा में तैनात जवानों के पसीने छूट गए। यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस जवान डंडे बाजी भी करते नजर आए। यात्रियों की सुरक्षा में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर एस एन देसाई का कहना है कि हम कल शाम 5 बजे से यात्रियों की सुरक्षा में तैनात है। हमारे साथ महिला पुलिस के साथ करीब 100 जवान पूरी रातभर ड्यूटी कर रहे है। हमारा एक ही मकसद है कि इतनी भारी भीड़ को कंट्रोल करना, भगदड़ न मचे और सभी यात्री सुरक्षित ट्रेन में बैठ जाए।

(सूरत से शैलेष चांपानेरिया की रिपोर्ट)





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