शाहजहांपुर में खेत की खुदाई के दौरान मिला हथियारों का जखीरा, 1857 की क्रांति से हो सकता है संबंध


weapons found during the excavation of a field in Shahjahanpur may be related to the 1857 revolution- India TV Hindi

Image Source : WIKIPEDIA
प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक अजीबों-गरीब मामला देखने को मिला है। यहां खेत की खुदाई के दौरान तलवारों और बंदूकों समेत अस्त्र-शस्त्रों का जखीरा मिला है। जिला प्रशासन ने इन हथियारों को कब्जे में लिया है। पीटीआई भाषा से बात करते हुए जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने शु्क्रवार को कहा, “निगोही थाना क्षेत्र के ढकिया परवेजपुर के रहने वाले किसान बाबूराम बीते दिनों अपने खेत की जोताई कर रहे थे। इस दौरान जमीन के भीतर से उन्हें लोहे की तलवार जैसी कोई चीज मिलती है। इसके बाद जब वहां और खुदाई होती है तो जमीन के नीचे दबे हुए कई हथियार बाहर आ जाते हैं।” 

खुदाई में खेत से मिला हथियारों का जखीरा

उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे जमीन की खुदाई की गई, वैसे-वैसे हथियार मिलते गए। खुदाई के दौरान खेत से कुल 23 तलवारें, 12 मैचलॉक राइफल के अवशेष, एक भाला और एक खंजर बरामद हुआ। बता दें कि खुदाई के दौरान जो बंदूक बरामद हुए हैं, उनकी केवल नाल और लोहे के टुकड़े बचे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मिट्टी में दबे होने के कारण बंदूक की लकड़ी को दीमक खा गई होगी। हालांकि बंदूक की बनावट जिस तरीके की है, वह मैचलॉक राइफल ही लग रही है। जिलाधिकारी ने आगे बताया कि इस मामले के सामने आने के बाद संबंधित उपजिलाधिकारी को अपने साथ अधिकारियों के साथ मौके पर भेजा गया है। साथ ही बरामद हथियारों को निगोही थाने के मालखाने में रखवाया गया है। 

1857 की क्रांति से हथियारों का संबंध

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पुरातत्व विभाग को भी एक खत इस बारे में लिखा गया है। खेत में खुदाई के बाद बरामद किए गए हथियार साल 1857 यानी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के वक्त के होने की संभावना जताई जा रही है। शाहजहांपुर स्थित स्वामी शुकदेवानंद कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर विकास खुराना की मानें तो ढकिया परवेजपुर गांव में जो हथियार मिले हैं, उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों रोहिल्ला संस्कृति के हैं। ऐसी संभावना है कि जब साल 1857 में स्वतंत्रता संग्राम हुआ था, उस समय पराजित क्रांतिकारियों के पीछे ब्रिटिश फौज आई थी। इस दौरान क्रांतिकारी जंगल में भाग गए। उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना है कि उसी वक्त क्रांतिकारियों ने जमीन खोदकर अपने हथियार छिपा दिए होंगे। क्योंकि सेना जो युद्ध जीत जाती है वह अपने हथियार नहीं छिपाती है। 

(इनपुट-भाषा)





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