रजत शर्मा का ब्लॉग | बांग्लादेश में मौलाना हिन्दुओं का सर कलम करने की धमकी क्यों दे रहे हैं?


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इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने एक बार फिर हिन्दुओं को मारने काटने की सरेआम धमकी दी। कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश के इस्कॉन मंदिरों को ज़मींदोज़ करने की धमकी दी है। सड़कों पर उतरी हज़ारों की भीड़ ने नारे लगाए, इस्कॉन वालों को पकड़ों, उनकी गर्दनें काट दो, इस्कॉन को मिटा दो। बांग्लादेश के हिन्दुओं को ‘मोदी का दलाल’ कहा, हिन्दुओं के नरसंहार की धमकी दी गई। हैरानी की बात ये है कि इस तरह के नारे सरेआम लगाए गए। मौलानाओं ने ज़हरीली तकरीरों में हिन्दुओं की गर्दन काट कर यज्ञकुंड में डालने की धमकियां खुलेआम दीं लेकिन बांग्लादेश की सरकार ने कट्टरपंथियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उनके खिलाफ एक बयान तक नहीं दिया। इसलिए बांग्लादेश के हिन्दू डरे हुए हैं। इस्कॉन ने भारत सरकार से दखल देने की मांग की है।

राजधानी ढाका में, कामचलाऊ सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनूस के घर के करीब कट्टरपंथियों ने  प्रदर्शन किया। मौलानाओं ने हिन्दुओं के खिलाफ तकरीरें कीं। हिन्दुओं को खुलेआम मारने, हिन्दुओं का गला काटने की धमकियां दीं। हिन्दुओं के खिलाफ ये रैली उलेमा ऐक्य (एकता) परिषद ने आयोजित की थी। इस रैली में ढाका के बड़े-बड़े उलेमा शामिल हुए। सबसे पहले बांग्लादेश सचिवालय के आसपास इंसानी ज़ंजीर  बनाकर  इस्कॉन पर पाबंदी लगाने की मांग की गई। इस्कॉन को आतंकवादियों की जमात बताया गया। इस्कॉन मंदिरों को काफिर दहशतगर्दों का अड्डा बताया गया।  इसके बाद मौलानाओं की तकरीरें हुई।

मौलानाओं ने कहा कि अगर सरकार इस्कॉन पर पांबदी नहीं लगाती तो बांग्लादेश के मुसलमान खुद इस्कॉन का खात्मा करेंगे, इस्कॉन के लोगों का सर कलम करेंगे। ढाका उलेमा परिषद ने इल्ज़ाम लगाया कि इस्कॉन, बांग्लादेश में भारत के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है। इस्कॉन के ख़िलाफ़ इस मुहिम की शुरुआत 2 हफ्ते पहले बांग्लादेश के दूसरे सबसे बड़े शहर चट्टग्राम से हुई थी। चट्टग्राम में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग की थी जिसका इस्कॉन ने विरोध किया। वहां के हिंदुओं ने जिहादियों का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने का विरोध किया, जिसके बाद बांग्लादेश की पुलिस और सेना ने  हिंदुओं के मुहल्ले में जमकर तांडव किया था। हिंदुओं को घर से घसीट-घसीटकर मारा-पीटा गया था। विश्व हिंदू परिषद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे ज़ुल्म की निंदा की है।

बांग्लादेश के हिन्दुओं पर जुल्म के खिलाफ हमारे देश के मुस्लिम नेताओं ने भी आवाज़ उठाई है। समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश के हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए, बांग्लादेश की सरकार से बात करनी चाहिए और अगर फिर भी हिन्दुओं पर अत्याचार बंद न हों तो बांग्लादेश के हिन्दुओं को हिन्दुस्तान में पनाह देनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी  गुरुवार को महाराष्ट्र के रायगड में इस्कॉन के साधु संतों से मिले थे।  बाद में प्रधानमंत्री ने इस्कॉन के साधु संतों से बांग्लादेश के हालात को लेकर भी चर्चा की थी और उन्हें हर तरह से मदद का भरोसा दिया था। असल में इस्कॉन ऐसा संगठन नहीं है कि इससे किसी को डरने की जरूरत हो। यह संगठन भगवान कृष्ण के भजन गाने, भगवद्गीता का प्रचार प्रसार करने वाले लोगों का हैं।  ये कोई भारत का संगठन भी नहीं है और न ही इस्कॉन का कोई राजनीतिक झुकाव है।

मुझे लगता है कि बांग्लादेश में इस्कॉन तो बहाना है, असल में हिंदू समाज निशाना है। बांग्लादेश में हिंदुओं को डराने की कोशिश हो रही है, उनपर जुल्म हो रहा है, उनका जीना दूभर हो गया है क्योंकि इस्लामी कट्टरपंथियों में कुछ लोग ऐसे हैं जो बांग्लादेश को पूरी तरह इस्लामी मुल्क बनाना चाहते हैं। वहां तालिबानी तरीकों वाली सरकार चलाना चाहते हैं। वैसे तो ये बांग्लादेश का मूल चरित्र नहीं है लेकिन इस समय की बांग्लादेश की सरकार इन्हीं कट्टरपंथियों के कब्जे में है। उन्हें किसी को भी धमकाने, मारने, काटने का लाइसेंस मिला हुआ है और हिंदुओं के पास एकजुट रहने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। हालांकि बांग्लादेश को जानने समझने वालों को लगता है कि कट्टरपंथियों की मनमानी अब ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी। (रजत शर्मा)

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