छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने मुतवल्लियों से हर शुक्रवार को किए जाने वाले संबोधन के बारे में जानकारी मांगी


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मस्जिद में नमाज

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने सभी मस्जिदों के मुतवल्लियों (देखभाल करने वालों) से कहा है कि वे हर शुक्रवार दोपहर को मस्जिदों में नमाज से पहले किए जाने वाले संबोधन के बारे में बोर्ड को जानकारी दें और उसकी सहमति लें। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने सोमवार को कहा, ”हम मस्जिदों को राजनीति का अड्डा नहीं बनने देंगे। ये धार्मिक स्थल हैं और इन्हें धार्मिक स्थल ही रहना चाहिए।” हालांकि, भाजपा शासित राज्य में इस कदम की विपक्षी कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने कहा कि बोर्ड का निर्देश उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है व असंवैधानिक है और मुतवल्लियों तथा नमाज़ियों की धार्मिक स्वतंत्रता तथा अभिव्यक्ति पर हमला है। राज ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मस्जिदों के मुतवल्लियों का एक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाया जा रहा है।

‘बेतुका बयान देने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई’

उन्होंने कहा कि मस्जिद में जुमे (शुक्रवार) की नमाज़ से पहले जो भी संबोधन किया जाना है, उसके बारे में पहले वक्फ बोर्ड को जानकारी दें और मंजूरी लेने के बाद ही मस्जिदों में यह संबोधन किया जाए। उन्होंने कहा, ”दुर्भाग्यपूर्ण है कि वहां से फतवा जारी किया जाता है कि इसको वोट देना है, उसको वोट देना है। मैंने कुछ वीडियो देखे हैं जिनमें कुछ मुतवल्ली ज़ालिमों की सरकार जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या मुतवल्ली को मस्जिदों से ऐसे बयान देने चाहिए? ये बयान सामाजिक सौहार्द बिगाड़ते हैं।” राज ने बताया, ”इसे देखते हुए सभी मुतवल्लियों का एक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाया गया है। इसमें लगभग 3842 लोग हैं। इनमें से 1822 लोग अब तक पंजीकृत हो चुके हैं। वे लोग कुछ भी बेतुका बयान देंगे तो उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी।”

मस्जिदों के इमामों से की ये गुजारिश

उन्होंने मस्जिदों के इमामों से गुजारिश की कि वे धार्मिक और कुरान से संबंधित संबोधन करें और सामाजिक सौहार्द बिगड़ने वाला कोई भी बयान न दें। राज ने कहा, ”आप इतिहास देख लीजिए। हर शुक्रवार की नमाज के बाद जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं होती थी। शुक्रवार की नमाज के बाद जुलूस निकाला जाता था। हमारी जनता और हमारे कौम (समुदाय) के लोगों को गुमराह किया जाता है।” छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के प्रमुख ने कहा कि वे इस (भाजपा) सरकार को जालिम कहते हैं, जबकि यह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ में काम कर रही है। राज ने कहा, “कांग्रेस को वोट बैंक की खातिर मस्जिदों को राजनीति का अड्डा नहीं बनाना चाहिए।” राज के इस बयान को लेकर राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार से जवाब मांगा है।

कांग्रेस ने की कड़ी आलोचना

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है, ”सलीम राज ने जो निर्देश जारी किया है, वह असंवैधानिक हैं। उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह निर्देश जारी किया है। वक्फ बोर्ड का काम वक्फ की संपत्तियों की देखरेख करना है न कि मुतवल्ली मस्जिद में क्या तकरीर (बयान) देते हैं उसे मंजूरी देना है।” शुक्ला ने कहा है, ”यह मुतवल्लियों और मस्जिद जाने वाले धर्मावलंबियों की धार्मिक स्वतंत्रता और उनकी अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार है। उन्हें यह निर्देश क्यों जारी करना पड़ा इसके लिए मुख्यमंत्री जी और भाजपा सरकार को जवाब देना चाहिए।” (भाषा इनपुट्स के साथ)





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