बिहार के स्कूलों की बदल दी गई टाइमिंग, अब इतने बजे से चलेंगी क्लासेस


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प्रतीकात्मक फोटो

बिहार के छात्रों के लिए खुशखबरी है। बिहार के शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के लिए नया टाइम टेबल जारी किया है। जिसके तहत अब हर स्कूल में क्लासेस सुबह 9:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक चलेंगी। सर्दियां शुरू हो गई हैं, ऐसे में माना जा रहा कि बच्चों को सुबह की ठंड से बचाने के लिए सरकार के आदेश में शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है।

अब कितने बजे होगी छुट्टी?

बिहार शिक्षा विभाग ने स्कूलों की टाइमिंग में संशोधन करते हुए कहा कि इस टाइम टेबल को सभी स्कूलों को जिनमें प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक/उच्च माध्यमिक, संस्कृत स्कूल, मदरसा हैं, मानना होगा। नए आदेश के मुताबिक, स्कूलों में अब कक्षाएं सुबह 9:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक चलेंगी। इस टाइम टेबल में कुल 8 पीरियड शामिल हैं, जो सुबह की सभा से शुरू होकर आठवें पीरियड के साथ समाप्त होंगी, साथ ही दोपहर 12:40 बजे से दोपहर 1:20 बजे तक लंच ब्रेक होगा। स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे संस्थानों में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए इन समयों का सख्ती से पालन करें। साथ ही यह भी बताया गया कि यह टाइम टेबल 1 दिसंबर से सभी स्कूलों में लागू होंगे। 

बिहार में स्कूल खुलने का समय: यहां देखें पूरा टाइम टेबल

  • सुबह 9.30 बजे- स्कूल शुरू होने का समय
  • सुबह 9.30 से 10.00 बजे तक- प्रार्थना आदि
  • सुबह 10.00 से 10.40 बजे तक- पहली घंटी
  • सुबह 10.40 से 11.20 बजे तक- दूसरी घंटी
  • सुबह 11.20 से 12.00 बजे तक- तीसरी घंटी
  • दोपहर 12.00 से 12.40 बजे तक- इंटरवल (लंच ब्रेक)
  • दोपहर 12.40 से 01.20 बजे तक- चौथी घंटी
  • दोपहर 1.20 से 02.00 बजे तक- पांचवी घंटी
  • दोपहर 2.00 से 02.40 बजे तक- छठवीं घंटी
  • दोपहर 2.40 से 03.20 बजे तक-सातवीं घंटी
  • दोपहर 3.20 से 4.00 बजे तक- आठवीं घंटी
  • शाम 4.00- छुट्टी

जारी किए गए गाइडलाइन भी

नोटिस में शिक्षा विभाग ने छात्रों, शिक्षकों और स्कूलों के लिए विभिन्न गाइडलाइन जारी किए गए हैं।

  • शनिवार की स्कूल गतिविधियों के लिए एक नया शेड्यूल पेश किया गया है, जो बैगलेस सेफ सैटरडे (शनिवार) दृष्टिकोण का पालन करते हुए कक्षा 1 से 8 तक पूरे दिन चलेगा। माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में दोपहर के भोजन के अवकाश तक पढ़ाई जारी रहेगी। अवकाश के बाद, बाल सभा (बच्चों की संसद/विधानसभा), खेल, रचनात्मक कार्यशालाएँ और अभिभावक-शिक्षक बैठकें जैसी गतिविधियाँ मासिक रूप से आयोजित की जाएंगी। जिन महीनों में पाँचवाँ शनिवार शामिल है, उनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पिछले सप्ताहों की छात्रों द्वारा बनाई गई सामग्री और गतिविधियाँ दिखाई जाएंगी। शिक्षक इन प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन और आकलन करेंगे।
  • इस मॉडल समय सारिणी का पालन न केवल सामान्य स्कूलों द्वारा किया जाएगा, बल्कि संस्कृत बोर्ड और सरकारी उर्दू स्कूलों के अंतर्गत आने वाले सभी संस्थानों द्वारा भी किया जाएगा।
  • क्लास टीचर को कमजोर छात्रों को आगे की पंक्तियों में बैठाना आवश्यक है। यदि कोई कमजोर छात्र नहीं है, तो अन्य छात्रों को इन पंक्तियों में बैठाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, लड़के और लड़कियों को हर कक्षा या सेक्शन में एक साथ बैठना चाहिए, उनके लिए कोई अलग कक्षा या सेक्शन नहीं होना चाहिए।
  • प्रधानाध्यापकों और प्रिंसिपलों की जिम्मेदारी है कि वे शिक्षकों की उपलब्धता के आधार पर दैनिक दिनचर्या बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित पाठ्यक्रम पूरा हो। साथ ही प्रधानाध्यापक या प्रिंसिपल स्कूल परिसर की साफ-सफाई की भी निगरानी करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कक्षाओं, रसोई और शौचालयों में स्वच्छता बनी रहे।
  • प्रत्येक शिक्षक से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रतिदिन होमवर्क दें और अगले दिन उसकी समीक्षा करें। 

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