मुंबई सहित कई शहरों में CNG ₹2 प्रति किलो महंगी, जानें नई दरें, लेकिन इस महानगर में नहीं बढ़ाई कीमत


एमजीएल और आईजीएल ने बढ़ोतरपी के कारणों के बारे में नहीं बताया।- India TV Paisa

Photo:FILE एमजीएल और आईजीएल ने बढ़ोतरपी के कारणों के बारे में नहीं बताया।

इधर चुनाव खत्म और उधर सीएनजी के दाम में सोमवार को हो गई बढ़ोतरी। जी हां, मुंबई सहित देश के कई शहरों में सीएनजी की कीमत में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी कर दी गई है। यहां अब सीएनजी की कीमत 77 रुपये प्रति किलोग्राम है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि देश की राजधानी दिल्ली में कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सिटी गैस कंपनियों ने यह जानकारी सोमवार को दी है। चुनावी राज्य दिल्ली में उपभोक्ताओं को फिलहाल इससे छूट दी गई है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और अन्य शहरों में कीमतों में बढ़ोतरी की गई, लेकिन दिल्ली, जहां कुछ ही हफ्तों में चुनाव होने वाले हैं, को इससे छूट दी गई।

इनपुट लागत में बढ़ोतरी का असर!

खबर के मुताबिक, चुनाव खत्म होने के बाद, मुंबई में सिटी गैस रिटेलर, महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने मुंबई और आसपास के इलाकों में सीएनजी की कीमतों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की है। एमजीएल की वेबसाइट के मुताबिक, एमजीएल और अडानी टोटल गैस लिमिटेड जैसे दूसरी सिटी गैस रिटेलरों ने इनपुट लागत में 20 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद पिछले दो महीनों से खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है।

दिल्ली और आस-पास की कीमतें

आईजीएल की वेबसाइट के मुताबिक, दिल्ली में सीएनजी की कीमतें 75.09 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित बनी हुई हैं, जबकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में कीमतें 2 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 81.70 रुपये और गुरुग्राम में 82.12 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। जब साल 2022 में उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले थे, तब आईजीएल ने दिल्ली में कीमतों में संशोधन किया था, लेकिन राज्य के शहरों के लिए दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। उद्योग सूत्रों ने कहा कि जनवरी/फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद दिल्ली में सीएनजी की कीमतों में संशोधन किया जा सकता है।

फर्मों को महंगी गैस खरीदनी पड़ रही

एमजीएल और आईजीएल ने बढ़ोतरपी के कारणों के बारे में नहीं बताया, लेकिन कहा गया कि विनियमित या एपीएम गैस की आपूर्ति में लगातार दो दौर की कटौती के बाद फर्मों को अब महंगी गैस खरीदनी पड़ रही है। जमीन और समुद्र तल से निकाली गई प्राकृतिक गैस को ऑटोमोबाइल चलाने के लिए सीएनजी में बदला जाता है। लेकिन ONGC के घरेलू क्षेत्रों से आपूर्ति, जिसे APM गैस कहा जाता है, CNG की मांग के साथ तालमेल नहीं रख पाई है। सितंबर के मध्य से सप्लाई में दो बार कटौती की गई है, जिससे शहर के गैस खुदरा विक्रेताओं को महंगी गैर-APM गैस या महंगी आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस खरीदने की ज़रूरत पड़ रही है।

Latest Business News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *